पशुओं में लम्फी की रोकथाम और नियंत्रण हेतु पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

विनय एक्सप्रेस समाचार, झुंझुनूं। पशु विज्ञान केंद्र ,झुंझुनू द्वारा पशुओं में फैली बीमारी लंफी स्किन डिजीज के कारण, लक्षण व उपाय के बारे में झाझड़ गांव में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया प्रभारी अधिकारी डॉ प्रमोद ने बताया कि केंद्र के डॉ विनय कुमार ने पशुपालकों को बताया की प्रदेश के पशुओं में एक खतरनाक बीमारी लंफी स्किन डिजीज फैल रही है। जो एक वायरस जनित बीमारी है जो कैपरीपोक्स विषाणु से फैलती है अतः लंफी से पीड़ित पशु को इलाज के साथ ही इम्यूनिटी बनाए रखना भी जरूरी है जिस से ही पशु वायरस से लड़ पाएंगें इसलिए पशु को इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए मल्टीविटामिन व लिवर टॉनिक देते रहना जरूरी है इस दौरान बताया की पशु संक्रमित होने के 5 से 6 दिन में लक्षण प्रकट करता है उसके बाद 10 दिन तक पैरों में सूजन, गांठदार फोड़े व फीवर बनी रहती है इस दौरान पशु का ध्यान अधिक रखना पड़ता है एवं संक्रमित होने के आठवें दिन पशु का ब्लड टेस्ट करने पर पाया गया कि इस बीमारी से पशु का लीवर व किडनी भी प्रभावित होते हैं अतः पशु को इम्यूनिटी बूस्टर देना बहुत जरूरी है तथा पशुपालकों को राजूवास के द्वारा तैयार आयुर्वेद फॉर्मूला 100 ग्राम अश्वगंधा की जड़, 100 ग्राम हल्दी पाउडर, 100 ग्राम आंवला पाउडर, 100 ग्राम गिलोय इन सब को मिलाकर 50 ग्राम सुबह-शाम गुड व बाजरे के आटे के साथ 10 15 दिन तक पशु को खिलाएं एवं नीम का पानी उबालकर उसमें 50 ग्राम फिटकरी डालकर पशु को नहलाएं लेकिन जिस पशु के निमोनिया बन रहा है तो उसको नहीं नहलाएं। एवं जिन पशुओं के फोड़े फुटकर घाव हो जाता है उस पर ग्वारपाठे की गिरी व हल्दी पाउडर को नारियल के तेल में मिलाकर पशु के घाव पर लगाएं