विनय एक्सप्रेस समाचार,जयपुर। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि पानी सीमित है, आवश्यकता ज्यादा यह एक चुनौती, इससे निपटना हमारी प्राथमिकता होगी। गर्मी के साथ ही पानी की आवश्यकता बढ़ेगी। यह एक हिस्टोरिकल क्लोजर होगा। जो लगभग 60 दिनों तक चलेगा।
श्री आर्य मंगलवार को वीडियो कोन्फ्रेन्स के माध्यम से इन्दिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के संबंध में आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ट्रेक्टर, टैंकर में जी. पी. एस. सिस्टम की व्यवस्था की जाए। ओ. टी. पी. व्यवस्था सुचारू की जानी चाहिए जिससे उसका पुष्टिकरण हो सके। पम्प कहां खोदे, कितने खोदे, ट्रेक्टर एवं टैंकर कहां से उठा, कहां गया, इसकी भी मॉनिटरिंग करनी होगी। इस विपरीत घड़ी में बडी सावधानी एवं धैर्य से कार्य करने की आवश्यकता है ताकि जनता को तकलीफ न हो।
श्री आर्य ने निर्देश दिये कि सभी संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक नहरबंदी कार्यक्रम कैलेंडर के अनुसार व्यवस्था सुनिश्चित करें। ग्रामीण स्तर पर भी पानी की छीजत रोकने की योजना बना कर लागू किया जाये।
जल संसाधन प्रमुख शासन सचिव श्री नवीन महाजन ने बताया कि इन्दिरा गांधी नहरबंदी के दौरान पेयजल प्रबंधन व्यवस्था के तहत इंदिरा गांधी मुख्य कैनाल के पुनरूद्धार हेतु त्रिपक्षीय समझौता राजस्थान, पंजाब एवं भारत सरकार के मध्य हुआ। जिसमें कार्यकारी ऎजेन्सी पंजाब राज्य बनाया गया है। इसका कार्यक्षेत्र पंजाब भाग स्थित इंदिरा गांधी फीडर एवं रेगिस्तानी क्षेत्र हेतु राजस्थान जल क्षेत्र पुनः संरचना परियोजना के तहत कार्यकारी ऎजेन्सी राजस्थान को बनाया है। इसका कार्यक्षेत्र हरियाणा व राजस्थान स्थित इंदिरा गांधी मुख्य कैनाल का भाग होगा।
श्री महाजन ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान की 16.17 लाख हैक्टयर सिंचित भूमि व 10 जिलों के 7500 गांव व 49 शहरों एवं कस्बों की लगभग 1.7 करोड़ आबादी की पेयजल आपूर्ति इन्दिरा गांधी नहरी तंत्र पर निर्भर है। दशकों पुरानी यह नहर निरन्तर प्रवाह के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है, जल रिसाव में वृद्धि व मूल प्रवाह क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। राज्य पिछले कई वर्षो से पंजाब भाग स्थित इंदिरा गांधी फीडर की रिलाईनिंग हेतु प्रयासरत् है। भारत सरकार, राजस्थान एवं पंजाब के मध्य सरहिन्द एवं इन्दिरा गांधी फीडर (पंजाब भाग) की रिलाईनिंग के लिए त्रिपक्षीय समझौता हुआ है। इस कार्य में राजस्थान की 40 प्रतिशत एवं केन्द्र सरकार की 60 प्रतिशत भागीदारी है।
श्री महाजन ने कहा कि ये क्लोजर कार्यक्रम 60 दिन चलेगा। प्रारम्भ के 30 दिन आंशिक नहरबंदी के दौरान 2000 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया जाएगा। अन्तिम 30 दिन पूर्ण नहरबंदी रहेगी।
इस दौरान जल जीवन मिशन योजना की भी समीक्षा की गई। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी एवं भू-जल अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने बताया कि राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर ने जल जीवन मिशन योजना के तहत शत् प्रतिशत सफलता प्राप्त की। अन्य जिलों को भी इस दिशा में कार्य करना चाहिए। जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत ग्रामीण जल एवं स्वच्छता कमेटी द्वारा 93.7 प्रतिशत कार्य राजस्थान में पूर्ण किया जा चुका है।
वी. सी. में सभी संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं उच्च अधिकारी मौजूद थे।