शब्द की साधना के साथ हमें समाज, प्रकृति सेवा के प्रति सचेत रहना होगा : लक्ष्मीनारायण रंगा

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। शब्द की महिमा और शब्द की अर्थवता का महत्व विद्यार्थी के जीवनकाल में उसकी शिक्षा और शिक्षा से इतर पुस्तकों के माध्यम से हमेशा रहता है। हमें हमारे जीवन में लिखने से ज्यादा पढ़ने के प्रति सचेत रहना चाहिए, जिससे हमारी सृजनात्मक एवं रचनात्मक ऊर्जा संचेतन रहेगी। यह उद्गार आज दोपहर नगर के वरिष्ठ साहित्यकार एवं रंगकर्मी लक्ष्मीनारायण रंगा ने अपने 91वें जन्म दिवस के अवसर पर बीकानेर साहित्य कला सस्कृति संगम एवं नालन्दा परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।


आयोजक संस्था के अध्यक्ष वरिष्ठ शायर क़ासिम बीकानेरी ने बताया कि रंगा ने इस अवसर पर शाला परिवार के सैकड़ों छात्र/छात्राओं-स्टाफ एवं अन्य कलाअनुशासन से जुडे़ लोगों को अपनी भावनात्मक एवं संवैदनात्मक आशिष देते हुए कहा कि हमें मानवीय सेवा एवं प्रकृति सेवा के प्रति हमेशा समय निकालकर सेवा करनी चाहिए। क्योंकि यह हमारा दायित्व भी है साथ ही सामाजिक सरोकार भी है।

रंगा के 91वें जन्म दिवस पर नगर, प्रदेश व देश के विभिन्न कला अनुशासन के शुभ चिंतकों ने प्रमुख रूप से कोटा से मणिमुकट राज, जितेन्द्र निर्मोही, जोधपुर से श्याम सुंदर भारती, भवानी शंकर व्यास विनोद, आईदान सिंह भाटी, डॉ सुमन बिस्सा, सोजत से अब्दुल समद राही, विरेन्द्र लखावत, नौहर से भरत औळा, डॉ मिनाक्षी बोराणा, जैसलमेर से माजिद खा गौरी, ओम प्रकाश भाटीया, जयपुर से अभिलाषा पारीक, राजेन्द्र बारठ, लाडनू से डॉ गजादान चारण, डॉ सुखदेव राव, सीकर से शारदा कृष्ण, चूरू से दूलाराम सारण, डूंगरगढ़ से रवि पुरोहित व मदन सैनी, बीकानेर से मालचन्द तिवाड़ी, बुलाकी शर्मा, हरीश बी शर्मा, नंदकिशोर सोलंकी, मोनिका गौड़, मनीषा आर्या सोनी, हेम शर्मा, नीरज दैया, मंदाकिनी जोशी, नरेन्द्र आचार्य, एड. सुरेन्द्र शर्मा, महावीर सांखला, आनंद गौड़, राजेश गुप्ता, धमेन्द्र वर्मा, डॉ अजय जोशी, गोपाल पुरोहित, आनन्द पुरोहित मस्ताना, रमेश भोजक समीर, डॉ नृसिंह बिन्नाणी, शिवाजी आहुजा, निर्मल कुमार शर्मा, गौरीशंकर प्रजापत, जाकिर आर्टिस्ट, महेन्द्र जोशी, शिवशंकर शर्मा, कृष्ण कुमार पुरोहित, मोहन चौधरी, राम कुमार भादाणी, सुनील गज्जाणी, योगेन्द्र कुमार, गिरधारदान रतनू, विपिन पुरोहित, ओम सुथार, हारून शेख, मौलाना अशरफी, श्याम सुंदर चूरा, रामजी लाल घोडेला अपनी शुभकामनाएं देते हुए उन्हें आत्मिक बधाई दी कईयो ने उनका शाल, माला और अभिनन्दन पत्र से सम्मान भी किया एवं स्वस्थ जीवन और सृजनरत रहने की मनोकामना की। साथ ही रंगा के जन्म दिवस पर नालन्दा परिसर में वृक्षारोपण किया गया तथा गायों को गुड़ का वितरण किया गया। शाला के छात्र/छात्राओं ने रंगा जी को स्वयं द्वारा हस्तनिर्मित-लिखित ग्रिटिंग कार्ड्स एवं कैरिकेचर भेंट किए। कई बच्चों ने ग्रिटिंग कार्ड में रंगा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का कविता एवं दोहों के माध्यम से वर्णन किया।
उनके जन्म दिवस के इस आयोजन में सैकड़ों छात्र/छात्राएं शाला परिवार के अलावा अन्य गणमान्य लोगों की साक्षी में केक काटकर रंगा का जन्म दिवस मनाया गया।