जंक्शन धान मंडी में किसान समृद्धि केन्द्र का किया लोकार्पण 

विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। जंक्शन धान मण्डी में सोमवार को किसान समृद्धि केन्द्र का लोकार्पण किया गया। नगरपरिषद सभापति श्री गणेशराज बंसल, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्रीमती प्रतिभा देवठिया, नगर परिषद निर्माण समिति अध्यक्ष श्री सुमित रिणवां, सहायक निदेशक कृषि श्री बीआर बाकोलिया, जिला कृषि आदान अध्यक्ष श्री बालकृष्ण गोल्याण, पार्षद देवेन्द्र बंसल डिम्पल द्वारा संयुक्त रूप से स्थानीय कार्यालय का उद्धाटन फीता काटकर किया गया।  इस मौके पर  जिला गौशाला समिति के जिला अध्यक्ष श्री विजय रौंता, श्री हेमराज बंसल, श्री आशीष बंसल, श्री गुरमीत सहारण, श्री सुरेंद्र बलाडिया, श्री अमरनाथ सिंगला, श्री गुरनेक सिंह तूर, सहित अन्य व्यापारी व आमजन मौजूद थे।
प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र किसानों को एक छत के नीचे सभी सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से खोला गया है। किसान समृद्धि केंद्र से किसान उर्वरकों, कीटनाशकों की खरीदारी करने के साथ-साथ फार्म इक्विपमेंट, मशीनरी आदि भी किराए पर ले सकेंगे। इसके साथ ही किसान समृद्धि केंद्रों में सरकारी योजनाओं के प्रति किसानों को जागरूक भी किया जाएगा। हर महीने किसानों को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों द्वारा कृषि परामर्श दिया जाएगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर में किसान समृद्धि केन्द्रों का वर्चुअल लोकार्पण किया।दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में ‘पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022’ का आयोजन किया। इस अवसर पर पीएम किसान निधि योजना के तहत किसानों के लिए 16 हजार करोड़ रुपये की 12वीं किस्त भी जारी की गई। इस दौरान पीएम श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना’ का शुभारंभ भी किया। साथ ही देशभर में 600 से अधिक किसान समृद्धि केन्द्रों की शुरुआत हुई। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, “आज देश में 600 से ज्यादा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों की शुरुआत हो रही है। किसान समृद्धि केंद्र किसान के लिए सिर्फ उर्वरक खरीद और बिक्री का केंद्र नहीं है, ये एक संपूर्ण रूप से किसान के साथ घनिष्ट नाता जोड़ने वाला, उसकी हर आवश्यकता में मदद करने वाला केंद्र है।”
पीएम मोदी ने कहा, “वन नेशन, वन फर्टिलाइजर से किसान को हर तरह के भ्रम से मुक्ति मिलने वाली है और बेहतर खाद भी उपलब्ध होने वाली है। देश में अब एक ही नाम, एक ही ब्रांड से और एक समान गुणवत्ता वाले यूरिया की बिक्री होगी। यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर के लिए भारत अब तेजी से लिक्विड नैनो यूरिया की तरफ बढ़ रहा है। नैनो यूरिया, कम खर्च में अधिक प्रोडक्शन का माध्यम है। जिसको एक बैग यूरिया की जरूरत लगती है वो काम अब नैनो यूरिया की एक छोटी सी बॉटल से हो जाता है। ये विज्ञान और टेक्नोलॉजी का कमाल है।” बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य है।