राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के मिल रहे सफल और सुखद परिणाम
विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। घर के आंगन में चहल-कदमी करने वाले नौनिहाल जब किसी जन्मजात विकृति से ग्रसित हो जाए तो मायूसी का माहौल छा जाता हैं। यही मायूसी खुशी में छा गया जब उसका ईलाज होकर वह बिल्कुल स्वस्थ हो गया। दिल के छेद से पीड़ित बच्चों के कैशलेस ईलाज का दोहरा शतक पूरा यह सब संभव हुआ राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के कारण संभव हुआ। यह राष्ट्रव्यापी पुनीत कार्यक्रम जन्मजात विकृति से ग्रसित नौनिहालों के जीवन में नया उजाला लेकर आया है।
नागौर जिला, जिसकी आरबीएसके टीम ने जन्मजात दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित 200 से अधिक बच्चों का कैशलैस आॅपरेशन करवाने में रिकाॅर्ड सफलता हासिल की है। सही कहें तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाया जा रहा यह कार्यक्रम जन्मजात विकृति वाले बच्चों के लिए लाइफ लाइन साबित हुआ है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मेहराम महिया ने बताया कि वर्ष 2016 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरूआत से लेकर दिल में छेद की बीमारी से पीड़ित 0 से 18 वर्ष तक की उम्र के 202 नौनिहालों का कैशलैस आॅपरेशन हो चुका है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व आरसीएचओ डाॅ. मुश्ताक अहमद ने बताया कि दिल में छेद के सफल आॅपरेशन के अतिरिक्त कटे तालू, मुड़े पैर सहित विभिन्न तरह की जन्मजात विकृतियों से ग्रसित 0 से 18 वर्ष तक की उम्र के 122 नौनिहालों का भी आरबीएसके के तहत कैशलेस ईलाज करवाया जा चुका है और वे अब बिल्कुल स्वस्थ हैं।
वहीं दूसरी ओर आरबीएसके जिला समन्वयक डाॅ. शुभकरण धोलिया ने बताया कि चालू वितीय वर्ष 2020-21 में एक अप्रेल 2020 से लेकर फरवरी 2021 तक 1 लाख 95 हजार 958 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई है, जिनमें से 11 हजार 140 बच्चों को रैफर किया गया, जिनमें से आठ हजार 946 बच्चों का कैशलेस उपचार किया जा चुका है।
अब नहीं फूलती जतिन की सांसे, 200 वें नं पर हुआ दिल के छेद का कैशलेस आॅपरेशन
जिले की रियांबड़ी तहसील के पादूकलां गांव निवासी सुशील के छह वर्षीय पुत्र जतिन के जन्मजात दिल में छेद की बीमारी थी।
गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र नं. 02 पर 22 दिसम्बर 2020 को पहंुचे डाॅ. हनुमान डुकिया ने बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग की और उन्हें जतिन की बीमारी के बारे में पता चला। डाॅ. डुकिया ने जतिन का आरबीएसके हैल्थ स्क्रीनिंग कार्ड बनाकर जिला स्तर पर आरसीएचओ कार्यालय को रैफर किया। यहां से जतिन के दिल के छेद का आॅपरेशन जयपुर के एक निजी अस्पताल में करवाने के लिए केस फाइल भेजी गई। इसके बाद इस साल 2021 को चार मार्च के दिन विशेषज्ञ चिकित्सकों ने चार मार्च को जतिन का सफल आॅपरेशन किया। अब जतिन को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, वह सकुशल अपने घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहा है।
अब साफ बोलती मोनिका और दौड़ लगाती है तानिया
जिले के देहाती क्षेत्र में रहने वाली नन्हीं बालिका मोनिका पुत्री नाथुराम कटे तालू होने के कारण साफ बोल नहीं पाती थी। ठीक इसी तरह तानिया पुत्री मनोज मुड़े हुए पैर होने के कारण ठीक से चल भी नहीं पाती। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम इन दोनों बालिकाओं के जीवन में उम्मीद की किरण लेकर आया। इन दोनों बालिकाओं का उच्च चिकित्सा संस्थान में सफल आॅपरेशन किया गया, आज वे बिल्कुल ठीक हैं। अब मोनिका साफ बोलने के साथ-साथ ठीक से खा-पी सकती है। वहीं तानिया को तेज चलने और धीरे-धीरे दौड़ने में किसी तरह की तकलीफ नहीं होती।