सीमांत क्षेत्र के विद्यार्थियों को मिल रहे उच्च शिक्षा के भरपूर अवसर : मेघवाल
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग मंत्री श्री गोविंद राम मेघवाल ने रविवार को छत्तरगढ़ के राजकीय महाविद्यालय भवन का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के भरपूर अवसर उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा इन क्षेत्रों में नए महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। बच्चे इनका भरपूर लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि इस भवन के निर्माण पर लगभग पांच करोड़ रुपए व्यय होंगे। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य समय पर करवाने के निर्देश दिए, जिससे यहां नियमित अध्ययन प्रारंभ किया जा सके। नए संकाय खुलवाने के साथ इसे स्नातकोत्तर तक क्रमोन्नत करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि यहां स्तरीय खेल मैदान तैयार करवाने के प्रयास भी होंगे।
आपदा प्रबंधन मंत्री ने बेटियों को अधिक से अधिक उच्च शिक्षा के भरपूर अवसर उपलब्ध करवाने का आह्वान किया तथा कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए महाविद्यालयों में बड़ी संख्या में कन्या महाविद्यालय भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य विवाह योजना के तहत प्रत्येक परिवार अपना पंजीयन करवाए। साथ ही दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
इस दौरान छत्तरगढ़ सरपंच रुखसाना बानो और सद्दाम हुसैन भाटी आदि मौजूद रहे। इससे पहले आपदा प्रबंधन मंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन किया। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य अशोक अरोड़ा ने स्वागत उद्बोधन दिया।
आमजन से की मुलाकात, सुनी समस्याएं
आपदा प्रबंधन मंत्री रविवार पूरे दिन छत्तरगढ़ क्षेत्र के दौरे पर रहे। उन्होंने 507 हेड स्थित फार्म हाउस पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और समस्याएं सुनी। उन्होंने भांडसर में पूर्व सरपंच भैरव सिंह की पुत्रवधू के आकस्मिक निधन पर उनके निवास पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की। तखतपुरा में गणेशाराम झोरड के आकस्मिक निधन संवेदना जताई। छत्तरगढ़ विश्राम गृह में जनसुनवाई की तथा आमजन की समस्याओं के निराकरण हेतु उच्च अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। चक 4 एडब्लूएम पंचायत में पिछले दिनों दो स्कूली बच्चों डूबने से हुई मृत्यु पर संवेदना व्यक्त की।
इस दौरान उनके साथ तहसीलदार राजेश शर्मा ,खाजूवाला पुलिस वृत्ताधिकारी विनोद कुमार, छत्तरगढ़ व्यापार मंडल अध्यक्ष नंद राम जाखड़, मनसा राम सियाग, सिया राम मेघवाल, मामराज सारण, काले खा छगन जाखड़, बाबूलाल मेघवाल, क्यामुद्दीन परिहार, सद्दाम हुसैन, महावीर बेनीवाल सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।