भारत में लोक प्रशासन: बदलाव एवं विभिन्न चुनौतियों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 23-24 दिसम्बर को

दर्जन भर से अधिक देशों के विशेषज्ञ लेंगे हिस्सा

विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में कला शिक्षा एवं समाज विज्ञान संकाय के अंतर्गत एक वर्ष पहले स्थापित आदिवासी अध्ययन केंद्र द्वारा स्वतंत्रता के  75 वें वर्ष में ‘‘भारत में लोक प्रशासन: बदलाव एवं चुनौतियां’’ विषय पर 23-24 दिसंबर 2022 को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

आदिवासी केंद्र एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के निदेशक डॉ. जनक सिंह मीणा ने बताया कि राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान (युवा मामलात एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार) तथा भारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा संपोषित यह सम्मेलन न्यू पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।

सम्मेलन निदेशक डॉ. मीणा ने बताया कि इस सम्मेलन में 10 से 15 देशों के लोक प्रशासन के विद्वान एवं प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी भाग लेने जा रहे हैं, वही भारत के सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों से  कुलपति, शिक्षाविद, विषय विशेषज्ञ, शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी हिस्सा लेंगे।

 

*दो दिन तक दस सत्रों में होगा मंथन*

मीणा ने बताया कि  इस सम्मेलन में अमेरिका, बांग्लादेश, चीन, नेपाल, अफगानिस्तान, इथोपिया सहित अनेक देशों के विशेषज्ञ भाग लेंगे। इस सम्मेलन में लोक प्रशासन में हो रहे बदलावों एवं चुनौतियों पर दो दिन तक 10 सत्रों में चिंतन एवं गहन विचार-विमर्श होगा।

सम्मेलन के उद्घाटन के लिए बतौर मुख्य अतिथि राजस्थान के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया गया है जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. कन्हैया लाल श्रीवास्तव करेंगे।

*विद्वानों को विभिन्न पुरस्कारों से किया जाएगा सम्मानित*

इस अवसर पर लोक प्रशासन विषय के अध्ययन अध्यापन एवं अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्वानों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इसमें 50 से अधिक प्रोफेसर, 50 से अधिक सह प्रोफ़ेसर, 100 से अधिक सहायक प्रोफेसरों के साथ ही ढाई सौ से अधिक शोधार्थी एवं विद्यार्थी प्रतिभागी होंगे, वहीं भारतीय एवं राज्य सेवाओं के 10 से अधिक प्रशासनिक अधिकारी एवं समाजसेवी शामिल होंगे।

डॉ. मीणा ने बताया कि इस तरह का इतने बड़े स्तर पर भारत में आयोजित यह पहला सम्मेलन भारत में लोक प्रशासन के नए आयामों की स्थापना करने में सफल होगा।

सम्मेलन के लिए विशिष्ट आमंत्रित विद्वानों में छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के महानिदेशक सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी, राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, आरजीएनआई वाईडी के निदेशक प्रो. शिवनाथ देव, अमेरिका से प्रोफेसर कृष्णा के तुमल्ला, सेंट्रल चाइना नॉरमल यूनिवर्सिटी वुहान चाइना से एडजेक्ट प्रोफेसर डॉ. प्रभात कुमार दत्ता, दारुण ईशान यूनिवर्सिटी बांग्लादेश के पूर्व कुलपति प्रो. अकबरुद्दीन अहमद, ऑस्ट्रेलिया से प्रो. रफी स्मिथ, वी एम ओ यू के पूर्व कुलपति प्रो. नरेश दाधीच, कोटा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.बीएम शर्मा, पूर्व कुलपति प्रो.बीएस राजपुरोहित, पूर्व कुलपति प्रो. लोकेश कुमार शेखावत, हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुधी राजीव, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर के पूर्व कुलपति न्यायाधीश एनएन माथुर, मिजोरम केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अरविंद के शर्मा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सदस्य प्रो. सुषमा यादव, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के पूर्व कुलपति प्रो. संजीव के शर्मा, नेपाल से प्रो. हरि डूंगाना, बांग्लादेश से  प्रो. जायदा सरमन, मोहम्मद श्यामल इस्लाम, दिल्ली से प्रो. रूमकी बसु, मिजोरम से प्रो. श्रीनिवास पती, हैदराबाद से वाई पार्थसारथी, चंडीगढ़ से पूर्व कुलपति प्रो. बी एस घुम्मन, पटियाला से  प्रो. राजवंश गिल, प्रो.रवनीत कौर, शिमला से प्रो. ममता मुक्ता, नागपुर से प्रो. नीलिमा देशमुख, लखनऊ से पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर मनोज दीक्षित, कुरुक्षेत्र से प्रो. राजेश कुमार, सिरसा से प्रो. राजवीर सिंह दलाल, प्रो. सुल्तान सिंह, प्रो. राजकुमार श्रीवास, इग्नू नई दिल्ली से सम कुलपति प्रो. मनरूप सिंह, जयपुर से प्रो, रमेश के अरोड़ा, प्रो. पीएस भटनागर, प्रो. अशोक शर्मा, प्रो. सुरेश गोयल, प्रो. संगीता शर्मा, प्रो. प्रीता जोशी, भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी श्रीमती मीनाक्षी हूजा, डॉ. रामधन मीणा, समाज सेवी रामेश्वर सेवार्थी सहित ख्यातनाम विषय विशेषज्ञ प्रमुख हैं।