विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने नई पीढ़ी को आधुनिक जीवन शैली से जुड़े दुष्प्रभावों से बचाने के लिए यौगिक दिनचर्या से जोड़ने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि योग आत्मविकास का सबसे बड़ा माध्यम है, भौतिकता के दौर में मानसिक शांति एवं संतोष के लिए योग सर्वथा उपयोगी है।
राज्यपाल शनिवार को जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शिलापट्टिकाओं का अनावरण कर योगसाधना भवन का लोकार्पण और संविधान पार्क एवं वैज्ञानिक आधार पर तैयार करवाई जा रही नवग्रह-नक्षत्र वाटिका का शिलान्यास किया।
राज्यपाल ने कहा कि संविधान से नई पीढ़ी जितना अधिक जुड़ेगी, उतना ही हमारा लोकतंत्र सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान आने के बाद प्रदेश के सभी वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क स्थापित करवाना उनकी प्राथमिकता रही है, ताकि भावी नागरिक संविधान प्रदत्त जीवन मूल्यों से जुडं़े और अधिकारों के साथ मौलिक कर्तव्यों का भी उन्हें भान रहे। उन्होंने कहा कि राजभवन में भी संविधान पार्क का शीघ्र लोकार्पण होगा। उन्होंने संविधान की संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि संविधान की मूल प्रति की शुरुआत में ही भगवान राम, सीता और लक्ष्मण का चित्र है और नीति निर्देशक तत्वों से जुड़े अध्याय में भगवान श्री कृष्ण के गीता उपदेश के चित्र हैं। इसी प्रकार संविधान के विभिन्न भागों में भी महापुरुषों के चित्र हैं।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में नवनिर्मित योग साधना भवन को योग के शास्त्रीय अध्ययन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाए, जहां योग से जुड़े शास्त्रों और योग की महान धरोहर से जुड़े आधुनिक ज्ञान को संस्कृत से अनुदित कर हिंदी और दूसरी भाषाओं में उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने यहां आधुनिक संदर्भों में योग संस्कृति से जुड़े व्याख्यान आयोजित किए जाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विश्वविद्यालय में बनने जा रही नवग्रह-नक्षत्र वाटिका ज्योतिष से जुड़े पौराणिक शोध और निष्कर्षों को सहज रूप में व्याख्यायित करेगी और पर्यावरण संरक्षण की संस्कृति से भी विद्यार्थियों को जोड़ेगी।
राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत हमारे देश की गौरवमयी संस्कृति और भारतीयता के मूल से जुड़ी भाषा है। उन्होंने कहा कि विश्वभर के ज्ञान-विज्ञान और दर्शन का महत्वपूर्ण और सूक्ष्म ज्ञान संस्कृत में ही उपलब्ध है। उन्होंने संस्त भाषा के आधुनिक विकास के लिए सभी से मिलकर कार्य करने की आवश्यकता जता।
संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि विश्व में भारत देश की प्रतिष्ठा संस्कृत और हमारी संस्कृति से ही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए राज्य सरकार व्यापक स्तर पर प्रयास कर रही है।
सांसद श्री रामचरण बोहरा ने विश्वविद्यालय में सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए सांसद निधि से पचास लाख रुपए देने की घोषणा की। विधायक श्रीमती गंगादेवी ने कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय परिसर की चारदीवारी के निर्माण के लिए विधायक निधि से बीस लाख रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की।
त्रिवेणीधाम खोजीद्वाराचार्य श्री रामरिछपालदास महाराज ने विश्वविद्यालय की स्थापना में महती योगदान देने वाले अपने गुरु स्वामी नारायणदास जी महाराज को नमन किया। उन्होंने अपने आशीर्वचन में कर्म के महत्व और राजधर्म के बारे में बताया।
कुलपति प्रो. रामसेवक दुबे ने स्वागत उद्बोधन में विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में बनने जा रही नवग्रह-नक्षत्र वाटिका नक्षत्र शाला, वेध शाला और यज्ञ शाला से परिपूर्ण विश्व की अपनी तरह की अनूठी वाटिका होगी।
आरम्भ में राज्यपाल ने कार्यक्रम में उपस्थितजन को संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन भी करवाया। उन्होंने नवग्रह-नक्षत्र वाटिका की पुस्तक का लोकार्पण भी किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री दुर्गेश राजोरिया, शिक्षक, शिक्षाविद्, गणमान्यजन और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।