20 दिनों में राज्यभर में 30 सिलिकोसिस जांच व अवेयरनेस शिविर आयोजित 5 हजार से अधिक श्रमिकों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व जलदाय डॉ.सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राज्य के माइंस विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और खनन धारकों से समन्वय बनाते हुए गत 20 दिनों में राज्यव्यापी अभियान चलाकर 30 से अधिक स्वास्थ्य शिविरों में करीब 5 हजार श्रमिकों व क्षेत्रवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण व सिलिकोसिस से बचाव का अवेयरनेस कार्यक्रम चलाया गया है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि पिछले माह जयपुर में स्टोनमार्ट के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने खनन श्रमिकों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त की थी। श्री गहलोत के निर्देश पर अभियान चलाकर खनन प्रभावित क्षेत्रों में शिविरों का आयोजन कर श्रमिकों व क्षेत्रवासियों में अवेयरनेस, खनन सुरक्षा संसाधनों के उपयोग के प्रति प्रेरित करने, मास्क आदि आवश्यक किट वितरण और सिलिकोसिस जैसी बीमारी के लक्षण दिखने पर वित्तीय सहायता व इलाज की व्यवस्था करवाई जा रही है।
      डॉ. अग्रवाल ने बताया कि माइंस विभाग द्वारा अप्रेल से अब तक करीब 630 स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों और 350 जागरुकता शिविरों का आयोजन कर लगभग 25 से 30  हजार श्रमिकों व क्षेत्रवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण व अवेयरनेस कार्यक्रम चलाया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की सिलिकोसिस नीति के तहत सिलिकोसिस प्रभावितों को वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जिला स्तर पर गठित डीएमएफटी फण्ड से जिला कलक्टरों के माध्यम से सिलिकोसिस पीड़ितों को वित्तीय सहयोग भी उपलब्ध कराया जा रहा है। सिलिकोसिस प्रभावित होने पर 3 लाख रु सिलिकोसिस से मृत्यु पर वारिसों को दो लाख रु., अंत्येष्टी के लिए दस हजार रूपए विधवा पेंशन 1500 रु. प्रतिमाह और पालनहार योजना में सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
निदेशक माइंस श्री संदेश नायक ने बताया कि शिविरों में स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही गुड़ का वितरण, गुड़ खाने से होने वाले लाभ की जानकारी देने के साथ ही डस्ट मास्क के उपयोग अनिवार्यता व वितरण, कार्य क्षेत्र में पानी का छिड़काव, मास्क वितरण, क्षेत्र में सघन पौधारोपण व खनन कार्य करते समय आवश्यक सावधानियों से भी श्रमिकों को अवेयर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग के सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे क्षेत्र के खनन क्षेत्रों का सघनता से दौरा करें और परस्पर सहयोग व समन्वय से अधिक से अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कराएं।
श्री संदेश नायक ने बताया कि प्रदेश में माइनिंग क्षेत्रों में खनन धारकों को प्रेरित व बाध्य किया जा रहा है कि खनन श्रमिकों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी सावधानियां व नियमों की पालना सुनिश्चित करें, ताकि श्रमिकों व क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े। उन्होेंने बताया कि शिविरों का आयोजन फील्ड में जारी है और राज्य स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।