आरजीएसए के तहत प्रशिक्षण कार्यशालाओं का हुआ आयोजन

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जिला परिषद सभागार में राजस्थान पंचायती राज प्रशिक्षण कार्यक्रम 2023-24 का पुनरुत्थान राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आर. जी.एस.ए.) के अन्तर्गत उप जिला प्रमुख एवं जिला परिषद सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला सोमवार को जिला प्रमुख भागीरथ राम चौधरी की अध्यक्षता एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी रणजीत सिंह की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर प्रारंभ की गई। कार्यशाला के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा कार्यशाला के उदेश्य एवं महत्व की जानकारी देते हुए उपस्थित सहभागियों से ग्रास रूट स्तर पर आ रही बाधाओं एवं समस्याओं के संबंध में फीड बैक के आधार पर सुझाव दिये जाने का आग्रह किया गया।
जिला प्रमुख भागीरथ राम चौधरी ने सभी सहभागियों को संबोधित करते हुए गुणवतापूर्वक प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफल क्रियान्वित का आहवान किया।
प्रशिक्षण के दौरान अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी दलीप कुमार द्वारा पंचायत राज की त्रि-स्तरीय व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए 73वें संविधान संशोधन के तहत पंचायती राज विभाग को प्रदत्त शक्तियों एवं जन प्रतिनिधियों के उतरदायित्व की जानकारी दी गई।
मुख्य आयोजना अधिकारी श्रवणलाल रैगर ने बताया कि प्रशिक्षण के संबंध में भारत सरकार के पंचायती राज विभाग के निर्देशानुसार स्थानीयकरण सतत विकास लक्ष्यों में गरीबी मुक्त आजीविका युक्त, स्वस्थ्य गांव, बाल हितेषी ग्राम, पर्याप्त जल संशाधन युक्त गांव, स्वच्छ एवं हरित पंचायत, ढांचागत आत्मनिर्भर पंचायत, सामाजिक सुरक्षित एवं न्यायपूर्ण गांव, सुशासन युक्त गांव, महिला हितेषी गांव के संबंध में नौ थीम पर आगामी कार्ययोजना बनाई जायेगी, जिसमें इन प्रशिक्षकों की महत्वपूर्ण भागीदारी रहेगी। प्रशिक्षनार्थियों कों महिलाओं के अधिकारों, स्वराज अभियान, स्वच्छ जल, स्वस्थ गांव, हरित पंचायत, ग्रामीण घूंघट प्रथा महिला सशक्तिकरण के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। मुख्य आयोजना अधिकारी द्वारा एक कुशल प्रशिक्षक की भुमिका, प्रशिक्षण दौरान उनकी जिम्मेदारीयां, सिखने की विधियां तथा मुल्याकंन सिद्वान्त आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण में सहायक अभियन्ता महावीर बांगड़ा द्वारा गरीबी मुक्त व आजीविका युक्त ग्राम पंचायत के लक्ष्य एवं भुमिका के बारे जानकारी प्रदान की गई।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के समन्वयक हेमंत उज्ज्वल ने स्वस्थ गांव के बारे में बताते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों में शुद्ध के लिए युद्ध, निशुल्क जांच, निशुल्क दवा योजना, निरोगी अभियान, शक्ति दिवस, एनिमिया जांच एवं कुपोषण से बचाव, कन्या वाटिका, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना, मिशन इन्द्रधनुष एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख योजनाओं की जानकारी प्रदान की।
प्रशिक्षण के दौरान सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता विभाग किशनाराम लोल ने बाल हितैषी ग्राम पंचायत योजना के तहत बच्चों को लाभान्वित करने के लिए प्लेटफार्म बनाने, छोटे बच्चों को पालना गृह, बाल समिति की क्रियान्विति एवं बच्चों को रोशनी मिल सके, न्याय संगत एवं कानून सम्मत, सांस्कृतिक एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकार दिलाये जाने की व्यवस्था के संबंध में जानकारी दी गई।