विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। डूंगर महाविद्यालय बीकानेर, राॅयल सोसाइटी आफ कैमिस्ट्री लंदन एवं ग्रीन कैमिस्ट्री नेटवर्क सेंटर दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किये जाने वाले तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सिम्पोजियम व वर्कषॅाप का उद्घाटन राॅयल सोसाइटी के एशिया सचिव प्रोफेसर आर.के. शर्मा, लदाख विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. मेहता, डीएवी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. आर.के. महाजन, हंगरी के प्रोफेसर जार्ज केजिलवीच, सिम्पोजियम के पैटर्न व डूंगर महाविद्यालय बीकानेर प्राचार्य डाॅ. जी.पी. सिंह, सहायक निदेशक डाॅ. राकेश हर्ष, डाॅ. सुषमा जैन, डाॅ. उमा राठौड व डाॅ. एच.एस. भंडारी द्वारा सरस्वती वंदना व दीप प्रज्ज्वल द्वारा किया गया।
उद्घाटन में मुख्य अतिथि राॅयल सोसाइटी के एशिया सचिव प्रोफेसर आर.के. शर्मा, लदाख विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. मेहता ने अपने उद्बोधन में जल-भोजन, भोजन-दवाईयों, दवाई-उत्प्रेरक व उत्पे्रेरक-ग्रीन कैमिस्ट्री के तारतम्य का वर्णन करते हुए दैनिक जीवन में न्यूनतम हानिकारक रसायनों को कैसे एवं उनके स्थान पर ग्रीन रसायनों के उपयोग पर बल दिया व पहाड़ी एवं दुर्गम क्षैत्रों में ग्रीन तकनीक के उपयोग से जन जीवन को उत्तम एवं सस्टेनेबल (टिकाऊ) बनाने का स्थाई समाधान विभिन्न उदाहरणों द्वारा व्यक्त किया।
हंगरी के प्रोफेसर जार्ज केजिलवीच ने आनलाईन माध्यम से जुड़ते हुए आर्गेनिक कैमिस्ट्री के उत्प्रेरकों के उपयोग की विवेचना की। प्राचार्य डाॅ. जी.पी सिंह ने स्वागत उद्बोधन में देश विदेश से पधारे हुए विभिन्न वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि राजस्थान मेे डूंगर महाविद्यालय का जीसीआरसी ग्रीन कैमिस्ट्री का पर्याय बन चुका है।
ग्रीन कैमिस्ट्री रिसर्च सेंटर द्वारा किये जा रहे नवीन प्रयोगों से बीकानेर एवं थार मरूस्थल से पादपों, वनस्पतियों का भोजन एवं दवाईयों के द्वारा स्थाई विकास पर कार्य किया जा रहा है एवं इस सिम्पोजियम में विशिष्ट उत्पादों को बनाये जाने की ग्रीन तकनीक भी दर्शायी जा रही है। चेयर पर्सन डाॅ. राकेश हर्ष ने जिम्नोस्र्पम एवं जीवाश्म विज्ञान की कड़ियों को ग्रीन कैमिस्ट्री के माध्यम से सुलझाने की तकनीक विकसित करने व वायु प्रदूषण को कम करने पर बल दिया।
रसायनशास्त्र के डाॅ. एच.एस. भंडारी ने स्वागत किया एवं विभागाध्यक्ष डाॅ. सुषमा जैन ने चेयरपर्सन के रूप में अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
उद्घाटन सत्र मेे सभी अतिथियों का माल्यापर्ण, श्रीफल, शाल एवं बीकानेरी साफा पहना कर सम्मान किया गया एवं स्मृति चिन्ह् भंेट किया गया। प्रो. शर्मा को कैमिस्ट्री एसोसियशन द्वारा 150 से अधिक उच्च दक्षता वाले शोध पत्रों चार पेटेन्ट एवं 22 से अधिक गुणवत्ता युक्त पुस्तकों के प्रकाशन के साथ अन्तर्राष्ट्रीय उपलब्धियों के लिए लाइफ टाइम अचिवमेन्ट अवार्ड द्वारा सम्मनित किया गया। इस अवसर पर डूंगर महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ. जी.पी. सिंह को भी सम्मानित किया गया। संयोजक डाॅ. नरेन्द्र भोजक के अनुसार आज चार तकनीकी सत्रों पे आईआईटी मुंबई के प्रो. नंदकिशोर, हंगरी के दो प्रोफेसर साहित डाॅ. हैजल, प्रो. ए.के. छंगाणी के विशिष्ट व्याख्यान सहित 10 शोध पत्र युवा वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत किये गये।
डीएवी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. ए.के. महाजन एवं प्रो. पी.के. शर्मा ने तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता की। डाॅ. सुषमा जैन के नेतृत्व में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं डाॅ. उमा राठौड़ के सानिध्य में गुमान सिंह, प्रियंका भारद्वाज ने मीनल खत्री ने ग्वार पाठे के नवाचार युक्त उत्पादों का जीवंत प्रदर्शन किया। कल पोस्टर सत्र का आयोजन रसायन विभाग गैलेरी में किया जायेगा।
प्राणिशास्त्र विभाग के विभाग विभागाध्यक्ष डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित, सिम्पोजियम संयोजक डाॅ. एच.एस. भंडारी, सह संयोजक डाॅ. एस.एन. जाटोलिया व डाॅ. एस.के. वर्मा, आयोजन सचिव डाॅ. उमा राठौड़, डाॅ. राजाराम कोषाध्यक्ष डा.सुरूचि गुप्ता, डा. संगीता शर्मा एवं डा. एस के यादव डा.सुरूचि गुप्ता, डा. संगीता शर्मा एवं डा. एस के यादव सह आयोजन सचिव डाॅ. प्रतिभा पायल, डाॅ. मधुसूदन एवं डाॅ. राजेन्द्र सिंह डा.सुरूचि गुप्ता, डा. संगीता शर्मा एवं डा. एस के यादव सहित 150 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे।