विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। ट्रांसजेंडर वर्ग को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने को लेकर नागौर जिला प्रशासन ने पहल की है।इसको लेकर सरकार द्वारा लागू की गई ” ट्रांसजेंडर उत्थान कोष योजना ” के तहत ट्रांसजेडर परिवार को पहचान पत्र जारी किए गए है। इसी क्रम में मेड़ता सिटी की किन्नर समाज की गाद्दी पति ट्रांस जेंडर राजकुमारी किन्नर को पहला पहचान पत्र जारी किया गया ओर इस पहचान पत्र को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डा मनोज सोनी ने उनके घर जाकर प्रदान किया ! पहचान पत्र पाकर ट्रांसजेंडर राजकुमारी की खुशी का ठिकाना नही रहा। और उन्होंने सरकार एव नागौर जिला कलेक्टर पियूष समारीया एव उनकी टीम का आभार व्यक्त किया है ! इसको लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहन लाल खटनावालिया ने भी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग उप निदेशक नरेश बारोठिया के साथ अंय ट्रांसजेंडर को भी पहचान पत्र प्रदान किया। इसको लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहनलाल खटनवालिया ने बताया कि नागौर जिले में अनेक ट्रांस जेंडर परिवार अलग क्षेत्रों में आवासीत है! वह परिवार समाज , सरकार एव व्यवस्थाओ की मुख्य धारा में जुड़े इसको लेकर प्रयास किए जा रहे है ! बात चाहे इन परिवार के नाम मतदाता सूची में जोड़ने की हो,या फिर पहचान पत्र बनाने की या फिर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की सभी क्षेत्रों में नागौर जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जा रही है ,इसके तहत शिक्षा से स्वास्थ्य तक, व्यवसायिक प्रशिक्षण से लेकर व्यवसाय तक राज्य सरकार हर क्षेत्र में सहायता करेगी. इतना ही नहीं ट्रांसजेंडर्स अपना जीवन सामान्य बीता सकें
ट्रांसजेंडर्स की सामाजिक सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने 10 करोड़ की ट्रांसजेंडर उत्थान कोष योजना लागू कर दी है. राज्य में इस योजना से ट्रांसजेंडर के लिए बड़ी राहत मिल सकेगी. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा इस योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
चिकित्सा सुविधा और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे-
देश में ट्रांसजेंडर्स को समाज में पुर्नत्थान के लिए आवाज तो उठाई जाती है, लेकिन उनके लिए कोई आगे नहीं आता. राजस्थान सरकार ने ट्रांसजेंडर्स देश में सभंवतया राजस्थान पहला ऐसा राज्य है, जहां इतनी बड़ी योजना लागू हुई. राज्य में अब शिक्षा, छात्रवृत्ति के साथ साथ स्वरोजगार की योजना सरकार ने लागू की है.उसी क्रम में नागौर जिले में भी ट्रांसजेंडर्स को निशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया , ट्रांसजेंडर्स को लिंग परिवर्तन सर्जरी, अन्य चिकित्सा सुविधा के लिए चिरंजीवी योजना से जोड़ने का प्रयास,. इसके लिए 2.50 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करवा सकेंगे.
शिक्षा, छात्रवृत्ति में मिल सकेगा लाभ-
चिकित्सा सुविधा के अलावा स्कूल और कॉलेज शिक्षा में 1000 रुपए की छात्रवृति हर महीने ट्रांसजेंडर्स बच्चों को मिल सकेगी. मैट्रिक से पहले 225 रु प्रति महीने छात्रवृति दी जाएगी. इसके अलावा 6 हजार रु की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी, बशर्ते वे घर से दूर रहता हो. वहीं, स्वरोजगार के लिए 50 हजार रु तक का ऋण मिल सकेगा.
आत्मनिर्भर बन सकेंगे-
जाहिर है राज्य सरकार की इस प्रयास से न केवल ट्रांसजेंडर्स समाज स्वरोजगार के लिए प्रेरित होगा, बल्कि समाज में नया आयाम भी स्थापित होगा,इससे ये सक्षम और आत्मनिर्भर बन सकेंगे.