राष्ट्रीय भावात्मक एकता का महानुष्ठान है स्काउट जम्बूरी

सांस्कृतिक वैशिष्टय से रूबरू होने का मिलता है अवसर : स्वयंसेवक सीखते हैं सहकार और अनुशासन का सबक

विनय एक्सप्रेस समाचार, पाली। मानव संस्कृति के प्राचीन काल से ही भावनात्मक और सांस्कृतिक समागम के लिए मेलों व उत्सवों का विशिष्ट स्थान रहा है। चाहे वह धार्मिक, सामाजिक या खेल आवरणों के साथ ही क्यों न हों। विविधता में एकता के देश भारत के संदर्भ में बात करें तो हर चार साल में भरने वाला महाकुंभ धार्मिक आवरण के साथ सबसे बड़े भावनात्मक व सांस्कृतिक समागम का श्रेष्ठ उदाहरण है। वहीं वैश्विक परिवेश में बीते साल संपन्न हुए ओलम्पिक खेल या हाल ही हुआ फीफा फुटबॉल विश्वकप खेल आवरणों में लिपटे सांस्कृतिक समागम ही थे। जी-20 देशों के शेरपा प्रतिनिधिमंडल के प्रवास में भी सांस्कृतिक समागम की न केवल झलक दिखी, अपितु इसे काफी महत्वपूर्ण रूप से रेखाँकित किया गया।
इन सभी समागमों का उद्देश्य मानवीय भावों और सांस्कृतिक विशेषताओं का आनन प्रदान ही होता है। इसी कड़ी में शामिल है, स्काउट-गाइड जम्बूरी। इसमें भिन्न-भिन्न प्रांत अथवा देशों से आने वाले स्काउट-गाइड एक दूसरे की भाषा-संस्कृति और भावनाओं से परिचित होते हैं।

क्या है जम्बूरी

जम्बूरी के मूल शब्द ही उत्पत्ति के संबंध में भिन्न-भिन्न मत हैं। सर्वाधिक प्रचलित यही है कि जम्बूरी शब्द जंबो से बना है, जिसका अभिप्राय है बडा अथवा विशाल। स्काउट-गाइडस के सम्मेलन के लिए सर्वप्रथम बेडन पॉवेल ने वर्ष 1920 में जंबोरी शब्द का इस्तेमाल किया। इसका आशय था स्काउटस का विशाल समागम/उत्सव। इसके बाद से जम्बोरी/जम्बूरी शब्द स्काउट-गाइड के राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय समाग़मों के लिए प्रचलन में आ गया। प्रथम विश्व स्काउट जम्बूरी 1920 में यूनाइटेड किंगडम द्वारा आयोजित की गई थी। अब तक 24 वर्ड स्काउट जम्बूरी का आयोजन हो चुका है। वही भारत में राष्ट्रीय जम्बूरी की शुरूआत 1953 में हुई। 29 दिसम्बर 1953 से 2 जनवरी 1954 तक पहली जम्बूरी हैदराबाद में आयोजित हुई थी, जबकि दूसरी राष्ट्रीय जम्बूरी की मेजबानी 26 दिसम्बर 1956 से 1 जनवरी 1957 तक जयपुर राजस्थान ने की थी। लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर राजस्थान को इस राष्ट्रीय एकता के महा कुम्भ की मेजबानी का अवसर मिला है। 18वीं राष्ट्रीय स्काउट-गाइड जम्बूरी 4 से 10 जनवरी 2023 तक पाली जिले की रोहट पंचायत समिति के गांव निम्बली ब्रामणान में होनी है।

खेल-खेल में एक सूत्र में बंधता देश
राष्ट्रीय स्काउट-गाइड जम्बूरी खेल-खेल में देश को एकसू़त्र में बांधने का अनुष्ठान है। वहीं स्वंयसेवकों को सहकार और अनुशासन का सबक भी सीखने मिलता है। जम्बूरी के दौरान विभिन्न स्काउट एवं साहसिक गतिविधियों के
साथ ही राष्ट्रीय भावात्मक एकता खेल भी होता है, जो जम्बूरी का सबसे अहम् हिस्सा है। इसमें भिन्न प्रांतों से आए स्काउट-गाइड को कार्ड बांटे जाते हैं, जिन पर एक अक्षर लिखा होता है, स्वयंसेवकों को अपने कार्ड पर लिखे अक्षर से शब्द बनाने के लिए साथी स्वयंसेवकों के कार्ड से मिलान करना होता है। जैसे कि दीपावली शब्द बनाने के लिए पूरे केम्प के स्वयंसेवकों में से उनसे संपर्क करना होगा जिनके कार्ड पर लिखे अक्षर से दीपावली शब्द पूर्ण हो। इस तरह देश भर के अलग-अलग राज्यों से आए स्वयंसेवक आप में मिलकर
दीपावली मनाकर विविधता में एकता के मंत्र को जीवंत करते हैं। इसी तर्ज पर होली, ओणम, पोंगल, वैशाखी आदि उत्सवों का आयोजन होता है।

भाषा, खानपान, वेशभूषा को समझने का अवसर
जम्बूरी की एक और महत्वपूर्ण गतिविधि सांस्कृतिक आदान प्रदान है। इसमें
प्रत्येक स्वयंसेवकों को अपने से भिन्न प्रांत के कम से कम दो स्वयंसेवकों से संपूर्ण परिचय प्राप्त करना होता है। दोनों एक-दूसरे को अपनी भाषा, खानपान, वेषभूशा, लोक नृत्य, लोक गायन आदि से परिचित कराते हैं। दोनों को एक दूसरे की भाषा में अपने साथी का नाम आदि लिखना होता है। एक दूसरे को अपने-अपने क्षेत्र में बनने वाली विशिष्ट वस्तुएं उपहार में दी जाती हैं, ताकि उन्हें एक दूसरे की संस्कृति आदि का स्मरण रहे।

18वीं जम्बूरी में पहली बार

– पहली बार मुख्य आयोजन स्थल पर ही साहसिक गतिविधियांे की व्यवस्था। अब
तक हुई जम्बूरी में साहसिक गतिविधियों जैसे स्काय साइकलिंग, जीप
साइकिलिंग, पैराग्लाइडिंग, वाटर एक्टिविटी के लिए स्वयंसेवकों को 10-15
किलोमीटर दूर ले जाना पडता था। रोहट में सभी व्यवस्था जम्बूरी ग्राउण्ड
में ही उपलब्ध ।

– रोहट जम्बूरी में पहली बार फेशन शो भी

– वायुसेना के सूर्यकिरण विमानों व बीएसएफ जवानों का उंटो पर प्रदर्शन

– पहली बार 35 हजार स्वयंसेवकों की भागीदारी होगी

– अब तक का सबसे बडा 1400 गुणा 1000 फीट का स्टेडियम

तैयारियां पूर्ण, महमहिम करेंगी शुभारंभ

पाली जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या
62 पर रोहट पंचायत समिति के निम्बली ब्राह्मणन गांव के पास रीको की 220
हेक्टेयर भूमि पर आगामी 4 से 10 जनवरी 2023 तक प्रस्तावित 18वी राष्ट्रीय
भारत स्काउट गाइड जंबूरी की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। महामहिम
राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जम्बूरी का शुभारंभ करेंगी। स्टेडियम, शिविरार्थियों के लिए टेन्ट, कीचन, बाजार, साहसिक गतिविधियों के लिए फील्ड आदि तैयार हो चुके हैं। स्वयंसेवक जम्बूरी स्थल पर मिट्टी से ऐतिहासिक इमारतों, प्रमुख व्यक्तित्वों की कृतियां भी तैयार कर रहे हैं।