रंगीला स्मृति शतरंज प्रतियोगिता: विजेता हुए पुरस्कृत

बच्चों के मानसिक विकास में शतरंज की भूमिका महत्वपूर्ण : बिस्सा

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। झंवर लाल व्यास रंगीला की स्मृति में आयोजित 16वीं जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता के विजेताओं को मंगलवार को पुरस्कृत किया गया।
नत्थूसर गेट के बाहर स्थित नालंदा स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीआईडी के अतिरिक्त आयुक्त दुर्गेश बिस्सा थे। अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता एड. एस.एल. हर्ष ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक लीलाधर पवार तथा समाज कल्याण अधिकारी नंदकिशोर राजपुरोहित मौजूद रहे।
अतिथियों ने शतरंज को बच्चों के मानसिक विकास के लिए बेहद उपयोगी बताया तथा कहा कि रंगीला की स्मृति में यह प्रतियोगिता आयोजित करना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। बिस्सा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शतरंज को स्कूली खेल में सम्मिलित कर लिया गया है। इससे बच्चों के लिए शतरंज में भविष्य निर्माण की संभावनाएं बढ़ी हैं। एड. हर्ष ने कहा कि सरकार की पहल पर ‘चेस इन स्कूल’ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ है। इसके तहत लाखों बच्चों को एक साथ शतरंज खेलने का मौका मिला है। पंवार ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। इससे पहले रंगीला फाउंडेशन के अध्यक्ष एडवोकेट बसंत आचार्य ने झंवरलाल व्यास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने संस्था की गतिविधियों के बारे में बताया। प्रतियोगिता संयोजक एड. जुगल किशोर व्यास ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान महिला और पुरुष वर्ग के विभिन्न आयु वर्ग में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले शातिरों के अलावा वयोवृद्ध शातिर राम किशन चौधरी, सबसे छोटे शातिर अनंत नारायण व्यास और जेसिका सुराणा को पुरस्कृत किया गया। वहीं सब जूनियर वर्ग के सभी शातिरों को पुरस्कार प्रदान किए गए। विशेष सहयोग के लिए नालंदा स्कूल के हरि नारायण आचार्य का सम्मान किया गया। वहीं आर्बिटर के रूप में बीपी छीपा, भानु आचार्य और उषा ओझा को पुरस्कार दिए गए। एडवोकेट भैरूं रत्न व्यास ने आभार जताया। इससे पहले अतिथियों ने रंगीला के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन मधुसूदन व्यास ने किया। इस दौरान नंद किशोर पुरोहित, विकास आचार्य, गिरिराज व्यास, अनिरुद्ध आचार्य, रोहित व्यास, विनीत व्यास, रुचिका व्यास, स्नेहा सहित बच्चों के अभिभावक मौजूद रहे।