विनय एक्सप्रेस समाचार, श्रीगंगानगर। राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्यरत पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ के द्वारा एक दिवसीय संस्थागत वैज्ञानिक डेयरी फार्मिंग विषय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजन किया गया।
केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. राजकुमार बेरवाल ने बताया कि वैज्ञानिक तरीके से डेयरी फार्मिंग का महत्व बताते हुए कहा कि गाय, भैंस से हम स्वच्छ दूध उत्पादन और अधिक मुनाफा तभी प्राप्त कर सकते हैं। वैज्ञानिक विधि द्वारा पशुओं का प्रबंधन हो तथा संतुलित आहार, टीकाकरण, कृमिनाशक दवा आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन इत्यादि को समय-समय पर करवाएं। डॉ. मनीष कुमार सैंन ने देसी नस्लें जैसे राठी, थारपारकर, साहीवाल, गिर के विशिष्ट पहचान तथा विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया और पशुओं में साइलेज और एजोला हरे चारे का महत्व भी बताया।