विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। राजीविका के तत्वाधान में राष्ठ्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने सोमवार को स्वयं सहायता समूह से जुडी हुई महिलाओ को स्वयं सहायता समूह के गठन के विजन और उद्देश्य से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया । प्रशिक्षण कार्यक्रम की थीम ‘ देश में ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सुधार में स्वयं सहायता समूहों की दीर्घकालिक भूमिका’ रही। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक मोहित चौधरी ने केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओ की जानकारी दी। प्रशिक्षण ‘पंचसूत्र’ की अवधारणा के साथ शुरू हुआ और नियमित बैठकों की भूमिका, बुक कीपिंग, आंतरिक ऋण देने के उद्देश्य और और अंत में बैंकिंग प्रणाली के साथ क्रेडिट लिंकेज सहित विभिन्न विषयों को छुआ गया । नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक मोहित चौधरी ने सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत शरू की गयी योजनाओ जैसे पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई, अटल पेंशन योजना के महत्व पर प्रकाश डाला। इसी प्रकार, माइक्रो क्रेडिट योजना, ऋण के उपयोग और ऋण के समय पर पुनर्भुगतान जैसे ऋण संबंधी प्रश्नों पर चर्चा की गई। उन्होंने ऋण राशि का आर्थिक गतिविधियों जैसे डेयरी, टेलरिंग, प्रोविजनल स्टोर, मोबाइल रिपेयर शॉप या किसी अन्य आर्थिक गतिविधि के लिए विवेकपूर्ण उपयोग पर जोर दिया, जो आजीविका सृजन में योगदान दे सकता है। राजीविका के दुर्गेश कुमार ने कहा कि स्वयं सहायता समूह जमीनी स्तर पर प्रभावी मध्यस्थ बनते जा रहे हैं। वे स्वैच्छिक बचत के बाद वित्तपोषित अधिशेष राशि का उपयोग इंट्रा-ग्रुप लेंडिंग के लिए कर रहे है । गौरतलब है की स्वयं सहायता समूह वित्तीय समावेशन के विस्तार के लिए बैंकों के व्यापार प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहे हैं।