विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। गोवा विश्वविद्यालय के डॉन बासको कॉलेज के विद्यार्थियों तथा प्राध्यापकों के 16 सदस्यीय दल ने शुक्रवार को नाबार्ड द्वारा किए जा रहे कार्यों का अवलोकन किया। इस दौरान दल को आत्मनिर्भर तथा स्वरोजगार के लिए प्रेरित महिलाओं के प्रयासों के बारे में बताया गया।
दल ने नाबार्ड कार्यालय, राजीविका मार्ट तथा रुरल सेल्फ एम्पलायमेंटर प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) का भ्रमण किया।
अग्रणी जिला प्रबंधक वाई.एन.व्यास ने आरसेटी द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षणों के माध्यम से महिलाओं तथा गरीबों को स्वावलंबी बनाने के प्रयासों के बारे में बताया। इस दौरान एसएचजी की महिलाओं ने उनके द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की प्रदर्शनी के माध्यम से संवाद किया। आरसेटी संस्थान में कपिल पुरोहित तथा सना मिर्जा ने प्रशिक्षण प्राप्त सफल उद्यमियों के बारे में बताया।
दल को नाबार्ड द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों के विक्रय के रुरल मार्ट की सदस्यों की बैठक आयोजित हुई। नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक रमेश ताम्बिया ने बताया कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये उत्पादों को और उन्नत बनाने के लिए समूह सदस्यों को एक्सपोजर विजिट द्वारा विपणन तथा पैकेजिंग की नवीनतम तकनीकी सिखाई गई। इनके उत्पादों को बाजर में पहुंचाने के लिए रुरल मार्ट स्थापित किया गया।
भारत सरकार की पैक्स कम्प्यूटराईजेशन तथा आईसीएआर संस्थाओं के साथ किये जा रहे कार्यो को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। किसानों को उनकी उपज, सीधे विक्रेता तक पहुंचाने की प्रक्रिया के बारे में समझाया।
राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के मुद्रा रथ के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं के विस्तार सहित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया।
प्रशिक्षण दल की भारत सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के साथ चर्चा हुई। दल सदस्य नेहा तालुलीकर तथा दिशा रामनाथकर ने संस्थान की गतिविधियों के बारे में बताया।