विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास आयोग की प्रथम फुल कमीशन की बैठक सोमवार को श्री पवन गोदारा की अध्यक्षता में नेहरू सहकार भवन स्थित आयोग कार्यालय में आयोजित की गई।
बैठक में आयोग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के उत्थान हेतु जिला स्तरीय समन्वय समितियों का गठन किया गया। आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यशालाओं में भाग लेने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिभागियों हेतु मानदेय का प्रावधान रखते हुए आयोग में सलाहकार की नियुक्ति करवाने, योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश में संवाद शिविरों का आयोजन करवाने, राजस्थान राज्य अन्य पिछडा वर्ग वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड की ऋण योजनाओं के लिए पात्रता और शर्तों में संशोधन आदि विभिन्न प्रस्ताव आवश्यकतानुसार प्रशासनिक विभाग के माध्यम से स्वीकृति हेतु राज्य सरकार को भिजवाये जाने का निर्णय लिया गया।
श्री गोदारा ने कहा कि आयोग का कार्यक्षेत्र संपूर्ण राजस्थान है और अन्य पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए संचालित योजनाओं का लाभ इस वर्ग के प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति को मिले, इसके लिए आयोग निरन्तर कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु राज्य, संभाग, जिला तथा तहसील स्तर पर एक दिवसीय संवाद शिविरों का आयोजन तथा राजस्थान राज्य अन्य पिछडा वर्ग वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड की ऋण योजनाओं हेतु पात्रता एवं शर्तों में संषोधन किये जाने का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित किया गया। उन्होंने कहा कि संशोधन के तहत 50 हजार रूपये तक का ऋण बिना गारंटी के दिया जाना, 50 हजार से उपर व 2 लाख रूपये तक के ऋण में सरकारी कर्मचारी या जनप्रतिनिधि या क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्ति की वित्तीय साख की गारंटी लिये जाने तथा 2 लाख रूपये से अधिक के ऋण पर प्रतिभूति लिये जाने का निर्णय किया गया।
अध्यक्ष ने कहा कि आयोग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के उत्थान के लिए विभिन्न गतिविधियों एवं योजनाओं का संचालन, समन्वय एवं परिवीक्षण को प्रभावी बनाने हेतु प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय समन्वय समितियों का गठन तथा योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु आयोजित विभिन्न तरह की कार्यशालाओं में भाग लेने वाले अन्य पिछडा वर्ग समुदाय के विषय-विषेषज्ञ एवं इन जातियों की सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के राज्य स्तरीय कार्यशाला के लिये 1000 रूपये प्रतिदिन एवं संभागीय स्तरीय कार्यशाला के लिये 500 रूपये प्रतिदिन की अनुशंषा की गई है।
उन्होंने कहा कि आयोग में विभिन्न तरह की वित्तीय योजनाओं के निर्माण एवं क्रियान्वयन के लिये विशेषज्ञ की सलाह की आवश्यकता रहती है इसलिए विभिन्न क्षेत्रों के वित्तीय एवं व्यापारिक पृष्ठभूमि के दो विशेषज्ञों को आयोग में सलाहकार नियुक्त किया जाना है इसके लिये सलाहकार को 2500 रूपये प्रति विजिट परामर्श शुल्क और यात्रा एवं विश्राम भत्ता दिये जाने का बैठक में निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त आयोग के सदस्यों हेतु जिला स्तरीय जन सुनवाई कार्यक्रमों में यात्रा एवं दैनिक भत्ता दिये जाने के प्रस्ताव तथा अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय की विभिन्न प्रतिभाओं को सम्मानित करने की भी अनुशंषा की गई।
बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष श्री दर्शन सिंह गुर्जर व सदस्य श्री हरिशंकर जांगिड, श्री कजोड़मल सैनी, श्री योगेंद्र गुरनानी, संयुक्त निदेशक उद्योग विभाग व वित्त विभाग के प्रतिनिधि सहित सदस्य सचिव श्री शीशराम चावला उपस्थित रहे।