राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव : ललित कला अकादमी की शाखा के लिए मंगवाएंगे प्रस्ताव: मेघवाल —कला दर्शनम शिविर का समापन

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि बीकानेर में कला को बढ़ावा देने के प्रति केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ललित कला अकादमी की क्षेत्रीय शाखा खोलने के लिए अगर डाटा सहित उचित प्रस्ताव आएगा, तो अवश्य ही गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने धारवाड़ में खुली अकादमी की शाखा का उदाहरण देते हुए सभी कलाकारों से कहा कि इसके लिए वेस्ट जोन कल्चरल सेंटर की डायरेक्टर किरण सोनी गुप्ता के मार्फत प्रस्ताव मंगवाएंगे।


वे यहां डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहे 14वें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में गुरुवार को ‘कला दर्शनम’ शिविर के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शिविर की सफलता पर सभी जूनियर और सीनियर कलाकारों को बधाई दी और सभी पेंटिंग्स की सरहाना करते हुए कहा कि उनकी अपेक्षा से कहीं बेहतरीन पेंटिंग्स इस ​कैंप में बनी। उन्होंने योगेंद्र पुरोहित की पेंटिंग ‘अंतर्मन की यात्रा’ का जिक्र करते हुए कहा कि अन्य यात्रा की तरह अंतर्मन की यात्रा के माइलस्टोन पत्थर के नहीं, अपितु प्रेम के होते हैं। केंद्रीय मंत्री ने एक कलाकार द्वारा बनाई गई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जीवन यात्रा और संघर्ष को प्रदर्शित करती पेंटिंग की तारीफ की और कलाकार को उसके लिए कुछ सुझाव देते हुए कहा कि इस चेंज के बाद वे राष्ट्रपति को इस पेंटिंग को पहुंचाएंगे। इससे पूर्व उन्होंने कैंप में बनी पेंटिंग्स का अवलोकन किया और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।

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कला समाज का आईना: किरण सोनी गुप्ता

इस मौके पर वेस्ट जोन कल्चरल सेंटर की डायरेक्टर किरण सोनी गुप्ता ने कहा कि कला ही है जो किसी भी सभ्यता की पहचान बनाती है। कला ही समाज का आईना होती है। उन्होंने कहा कि दरअसल, क्रिएटिविटी मनुष्य को बदल देती है। उन्होंने इस आर्ट कैंप के आयोजन और इसकी सफलता के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और सहयोग के लिए सभी कलाकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

इन कलाकारों ने सुनाए कैंप के अनुभव—

आर्ट कैंप में प्रतिभागी सीनियर और जूनियर आर्टिस्ट्स ने कैंप के अनुभव सुनाते हुए आयोजन की भूरी—भूरी प्रशंसा करते हुए ऐसे ही और कैंप आयोजित करने की दरकार जताई। वरिष्ठ कलाकारों में मिनिएचर आर्टिस्ट महावीर स्वामी, डॉ. राकेश किराडू, ​लेक्चरर हिमानी शर्मा, योगेंद्र कुमार पुरोहित और छात्र कलाकारों की ओर से लक्ष्मी चौधरी ने अपने अनुभव साझा किए।