विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। नागौर की धरा पर दो दिन तक टाउन हॉल में ’’राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कैसे महात्मा कहलाए, किन सिद्धान्तों और जीवन मूल्यों के पथ पर आगे बढ़ते हुए उन्होंने पहले दक्षिण अफ्रीका और फिर अपने स्वदेश भारतवर्ष में आजादी की अलख जगाकर जन को साथ लिया और स्वराज की स्थापना करवाई’’, सरीखे बिन्दुओं पर चिंतन मनन करते हुए संभागियों ने एक नवसंकल्प लिया।
महात्मा गांधी जीवन दर्शन को आमजन के मन मस्तिष्क में कैसे प्रतिस्थापित किया जाए, कैसे सामाजिक समरसता और धर्मनिरपेक्षता के ताने-बाने को मजबूत किया जाए और सर्वजन कल्याण की परिकल्पना साकार करने में आम अवाम की भूमिका प्रभावी करने के लिए धरातलीय स्तर पर किस तरह से काम होगा, कुछ इस तरह की कार्ययोजना और उनकी क्रियान्विति को लेकर गांधीवादी विचारकों और प्रशिक्षणार्थियों के बीच संवाद हुआ। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में गांधीवादी विचारकों की बात को जिले के विभिन्न गांवों से आए इन संभागियों ने बापू के जीवन दर्शन को आमजन के बीच आत्मसात कराने के कार्य कराने का संकल्प लिया।
जिला मुख्यालय स्थित टाउन हॉल में आयोजित इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन संभागियों को संबोधित करते हुए शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि युवाओं में महात्मा गांधी के आदर्शों को प्रोत्साहित करने के लिए शांति एवं अहिंसा विभाग की स्थापना कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे देश में अनूठी मिशाल कायम की है। मुख्यमंत्री गहलोत की भावना के अनुसार यह विभाग बापू के दर्शन को पूरे राज्य के हर गांव-ढाणी तक पहुंचाने काम करने की योजना पर काम कर रहा है और इसी के चलते जिला स्तर पर गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर आयेजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उपखण्ड एवं ग्राम स्तर पर भी ऐसे ही प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा। इन शिविरों में जिला स्तर पर प्रशिक्षण ले चुके गांधी दर्शन समिति की टीम के सदस्य ही ग्रामीणों को बापू के जीवन दर्शन के बारे में बताएंगे ताकि वे गांव-ढाणी तक गांधीवादी विचारधारा को लेकर जा सकें।
शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार गांधीदर्शन पर आधारित कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों को लाभान्वित कर रही है। इंदिरा रसोई योजना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना ऐसी ही योजना है जो अंतिम पंक्ति तक बैठे व्यक्ति के कल्याण को लेकर संचालित की जा रही है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर पीयूष समारिया ने कहा कि आज के दौर में नकारात्मक विचारों की अधिकता है, परन्तु हमें गांधी दर्शन से प्रेरणा लेकर सकारात्मक विचारों को अपनाना चाहिए। जिला कलक्टर ने कहा कि बापू के आदर्शों को आत्मसात करना होगा जिससे हमारे जीवन को सही दिशा मिलेगी। उन्होंने जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन पर महात्मा गांधी दर्शन समिति को शुभकामनाएं दी।
मध्यप्रदेश से आए गांधीवादी विचारक अजमद खान ने महात्मा गांधी द्वारा लिखे जनप्रेरक गीत की प्रस्तुति के साथ अपने संबोधन की शुरूआत की। उन्होंने बापू द्वारा देश की आजादी के लिए किए गए संघर्षों और उसके लिए अपनाए गए सत्य और अहिंसा की मार्ग पर मिली सफलता के बारे में विस्तार से बताया। अजमद खान ने कहा कि सत्य बोलना ही गांधी का सबसे बड़ा मार्ग है और इसी का व्यापक स्वरूप सत्याग्रह है।
महात्मा गांधी दर्शन समिति के जिला संयोजक जगदीश नारायण शर्मा ने कहा कि सत्य और अहिंसा के मजबूत विकल्प को अपनाते हुए बापू ने भारत की अवाम को साथ लेकर देश को अंग्रेजों से आजाद करवाया। शर्मा ने बापू द्वारा बताए गए सात सामाजिक दोषों पर प्रकाश डाला और संभागियों से कहा कि इनके बारे में आमजन को बताएं। उन्होंने दो दिन तक आयोजित हुए प्रशिक्षण शिविर में आए संभागियों से कहा कि इसकी सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब वे ब्लॉक एवं ग्राम स्तर तक बापू के दर्शन को आमजन के बीच लेकर जाएं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए संभागियों को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला सह संयोजक हीरालाल भाटी ने कहा कि हमें बापू के कहे वचनों की पालना करते हुए उनके जीवन दर्शन को हमारे जीवन में साकार करना चाहिए। उन्होंने महात्मा गांधी के विचार भूतकाल, वर्तमान और भविष्य तीनों समयकाल परिस्थितियों में सर्वदा प्रासंगिक रहेंगे। भाटी ने कहा कि बापू ने ही कहा था कि धीरज और साहस के बल पर व्यक्ति पहाड़ों को भी लांघ सकता है तथा पुरूषार्थ हालात को अपने अनुकूल बनाने में ही है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को गांधी दर्शन समिति के ब्लॉक संयोजक दिलफराज खान, गीता सोलंकी, कन्हैयालाल रेणीवाल व जगदीश कच्छावा, समिति के सदस्य मौलाना मोइन व महावीर कोठारी ने भी विचार व्यक्त किए। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन आनंद मोहन पारीक, सौरभ शर्मा, अजय जावा सहित विभिन्न संभागियों ने मंच पर मौजूद गांधीवादी विचारकों से संवाद किया। शिविर के समापन अवसर पर अतिथियों ने समस्त संभागियों सहित आयोजन में सहभागी रहे नगर परिषद नागौर, भारत स्काउट एवं गाइड तथा सांस्कृतिक संध्या में भाग लेने वाले सरकारी स्कूलों की छात्र-छात्राओं को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।