सुनील गज्जाणी की बाल नाट्य पुस्तक को बाल साहित्य अकादमी पुरस्कार

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बीकानेर के हिंदी-राजस्थानी  के रचनाधर्मी सुनील गज्जाणी की बाल नाट्य पुस्तक ” एक वन दो -दो राजा एवं अन्य तीन नाटक ” को देश की पहली बाल साहित्य अकादमी  पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी, जयपुर द्वारा पुरुस्कृत करने की घोषणा की गईं है! राज्य के 11 बाल साहित्यकारों को पुस्तक सम्मान के अंतर्गत निर्णयकों द्वारा चुना गया हैं, जिसमे सुनील गज्जाणी एक है!
गज्जाणी हिंदी-राजस्थानी में समान अधिकार रखते है तथा चार  पुस्तकें प्रकाशित होने के अतिरिक्त समय-समय पर प्रदेश-देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में गद्य-पध्य की रचनाएं प्रकाशित तथा आकाशवाणी-दूरदर्शन से प्रसारित होती रहती है!
गौरतलब है कि गज्जाणी को नाट्य विधा में विद्यावचस्पति की मानद उपाधि के अतिरिक्त अनेक मानद उपाधियाँ माँ सरस्वती की सेवा करते हुए अनेक प्रदेश-देश एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें प्रदान करती रही है जो बीकानेर के साहित्य को और समृद्ध करता है यहाँ यह भी उल्लेखनीय है सुनील गज्जाणी निरंतर लेखन प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत हो अपने बीकानेर का नाम साहित्य क्षेत्र में रोशन किया है तथा एक बाल नाटक कक्षा सातवीं में पढ़ाया जाता है!
गज्जाणी की अब तक चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा राजस्थानी काव्य संग्रह ” ओस री बूंदाँ ” को मूलचंद प्राणेश पुरस्कार, राजस्थानी बाल नाट्य पुस्तक ” बोई काट्या हे ” को चंदरसिंह बिरकाळी पुरस्कार तथा नाटक संग्रह ” किनारे से परे व अन्य तीन नाटक ” को कादंबरी सम्मान प्राप्त हो चुके हैं!
गज्जाणी की हिंदी रचनाओं का गुजराती, सिंधी मराठी, पंजाबी, नेपाली में अनुवाद हुआ है! नाटककार, लघुकथाकार गज्जाणी का बाल नाटक सातवीं कक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा है जो उनके लेखन को जहाँ समृद्ध करता है वहीँ बीकानेर साहित्य का मान भी बढ़ाता है!
पुरुस्कृत पुस्तक ” एक वन तथा दो-दो राजा व अन्य तीन नाटक ” गत वर्ष राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के सहयोग से तथा अरुण प्रकाशन, बीकानेर द्वारा प्रकाशित हुई थी!
आगामी राज्य स्तरीय कार्यक्रम में पुरस्कार स्वरूप सुनील गज्जाणी को अन्य पुरस्कृत लेखकों के साथ नकद राशि ग्यारह हज़ार के साथ मान पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किया जायेगा!