पड़ोस युवा संसद -वसुधेव कुटुंबकम की भावना आत्मसात करने व बाजरा वर्ष को दैनिक जीवन में अपनाने पर दिया जोर
विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के स्वायत्तशासी संगठन नेहरू युवा केंद्र द्वारा जिला स्तरीय पड़ोस युवा संसद कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को टाउन हॉल में किया गया, जो कि वैश्विक पटल पर भारत का अभ्युदय जी-20 वसुधैव कुटुंबकम एक व्यक्ति एक परिवार एक भविष्य विषय पर आधारित रहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री हिम्मताराम भांभू रहे। इस जिला स्तरीय पड़ोस युवा संसद में अतिथियों एवं वक्ताओं ने वसुधेव कुटुंबकम की भावना आत्मसात करने व बाजरा वर्ष को दैनिक जीवन में अपनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम पधारे हुए अतिथियों द्वारा मां सरस्वती और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर की गई।इसके पश्चात सभी अतिथियों का माल्यार्पण साफा पहनाकर एवं शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। मंच संचालन करते हुए प्रख्यात कवि प्रहलाद झोरड़ा ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा स्कूली बालिका द्वारा सरस्वती वंदना पर स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया।
जिला स्तरीय पड़ोस युवा संसद की शुरुआत में नेहरू युवा केंद्र की जिला युवा अधिकारी सुरमयी शर्मा
ने अतिथियों एवं आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की थीम वसुदेव कुटुंबकम है, जिसमें जी-20, वाइ-20 एवं बाजरा पर होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान एवं उत्पादन संबंधी कार्य शामिल है।
जिला स्तरीय पड़ोस युवा संसद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने कहा कि युवा भारत की भावी पीढ़ी है। युवाओं को अपने लक्ष्य से भटकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं का भटकाव नहीं रोका गया तो वे स्वयं भी परेशान होंगे और दूसरों को भी परेशान करेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आप जहां भी जाएं देशहित की बात करें और देश के बारे में सोचे कि देश आगे कैसे बढ़ेगा और प्राकृतिक संतुलन बना रहे इसके लिए अधिक से अधिक पौधे लगाएं।
इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. विकास पावड़िया ने संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि भारत इस वर्ष जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष का उद्देश्य मोटे अनाज के उपयोग को बढ़ावा देना है,अगर बाजरे का उपयोग करें तो हम कई स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पा सकते हैं। उन्होंने बताया बाजरा वर्ष 1 साल मनाने से कुछ नहीं होगा, हमें दैनिक जीवन में उपयोग करना होगा और मेहनत करनी होगी। बाजरे की खेती में पानी की आवश्यकता भी बहुत कम होती है।
इस मौके पर बीआर मिर्धा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. शंकरलाल जाखड़ ने कहा कि आज का कार्यक्रम युवाओं को समर्पित है। युवा ठीक तरीके से चले तो देश के लिए एक बहुत बड़ी ताकत है, नहीं तो वे एक विस्फोटक बन जाते हैं। इस देश का वही होगा जो युवा चाहेगा, युवाओं को नशे से दूर रहना होगा। साथ ही उन्होंने बताया अगर आप अपना जीवन खत्म करना चाहते हैं तो नशा करना, नहीं तो आज से ही शपथ लेना कि खुद और अपने परिवार को नशे से बचाए रखेंगे।
कार्यक्रम में मनीष शर्मा ने अमृत काल और पंचप्रण पर प्रभावशाली उद्बोधन देते हुए कहा कि अमृतकाल अमृत्व प्रदान करता है। हमारी संस्कृति में अमृत विद्यमान है, जो कभी समाप्त नहीं होगी।उन्होंने कहा कि विकास की रफ्तार को बढ़ाने के लिए अपनी पुरानी व्यवस्था के तहत युवा चलने को तैयार नहीं है। इसके लिए तेज रफ्तार फैसले लिए जा रहे हैं। इसके लिए पांच प्रण पर कार्य करना होगा।
इस अवसर पर बीआर मिर्धा कॉलेज की सहायक प्रोफेसर डॉ. सरोज कुमारी फगोड़िया ने जी-20 एवं वाई-20 पर प्रभावशाली उद्बोधन देते हुए जी-7 और जी-20 में अंतर बताया कि जी-7 विकसित राष्ट्रों का समूह है, जबकि जी-20 अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए एकत्रित हुए देशों का समूह है। इस वर्ष भारत 18 वें जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है और वाई-20 पर भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर महाविद्यालय विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में लेखा एवं कार्यक्रम सहायक प्रियंका कच्छावा ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर राष्ट्रीय युवा स्वयं सेवक अरशद, विनोद, सुशील, हर्षुल, नगाराम, ओमप्रकाश आदि ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में अपना सहयोग दिया।
कार्यक्रम में स्टेट एडवेंचर हेड जोगिंदर कुमार, सहायक जिला शिक्षा अधिकारी राधेश्याम गोदारा, जिला खेल अधिकारी भंवरराम सियाक सहित कई गणमान्य नागरिक एवं स्कूली बच्चे मौजूद रहे।