सत्संग की धारा सतत् प्रवाहित होनी चाहिए,श्रीमद् भागवत कथा इसी धारा का स्वरुप

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जीवन में सत्संग की धारा सतत् प्रवाहित होनी चाहिए, मद्भागवत कथा इसी धारा का स्वरुप है। ये उद्गार मरुनायक एवं मदन मोहन व्यास पीठस्थ कथावाचक महेश व्यास ने व्यक्त किये। चांदमल जी बाग के पास पुरानी लाईन गणगौर मैदान के पास भोमियों जी मंदिर गंगाशहर में दिनांक 29 अप्रैल से श्रीमद्भागवत कथा चल रही है जिसकी पूर्णाहूति 5 अप्रैल को होगी। कथा में आज  कथावाचक महेश  व्यास का सम्मान समाजसेवी बंशीलाल व्यास (लालजी) ने किया। इस अवसर पर रमणलाल,लूणकरण भाटी,सुरेश ,विक्रम,दीपाराम,मूलजी,चोरजी भाटी सहित गंगाशहर के हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे। कथावाचक ने मद्भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। इस अवसर पर रमणलाल भाटी ने समाजसेवी बंशीलाल व्यास (लालजी) का सम्मान किया। श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 5 अप्रैल तक होगा।