विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। सिंचित क्षेत्र विकास आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सिंचित क्षेत्र विकास की कृषि अनुसंधान इकाई की स्टेंडिंग कमेटी फोर खरीफ 2023 एवं रिव्यु ऑफ 2022 तथा कृषि विस्तार की पैकेज रिकम्डेशन बैठक आयोजित हुई।
परियोजना निदेशक कृषि एवं भू-सर्वेक्षण सत्यनारायण ने आगन्तुकों का स्वागत किया। आयुक्त ने निर्देशित किया कि कृषि अनुसंधान एवं कृषि विस्तार इकाई द्वारा किये जा रहे समस्त कार्य कृषक हित में होने चाहिए, जिससे कृषकों को अधिकाधिक लाभान्वित किया जा सकें। केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ. जगदीश राने तथा कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक (अनुसंधान) डॉ. पी एस शेखावत को निर्देशित किया की काचरी के बीज तैयार कर कृषकों को निःशुल्क वितरण हेतु उपनिदेशक कृषि विस्तार को उपलब्ध करवाएं, जिससे सिंचित क्षेत्र विकास द्वितीय चरण के एक हजार कृषकों को निःशुल्क बीज उपलब्ध करवाये जा सकें।
आयुक्त ने गाय के गोबर को खाद्य श्रृंखला से हटाये जाने को गम्भीर माना तथा इसे जलाना अनुचित मानकर गाय के गोबर को खाद के रूप में काम में लिये जाने के लिये निर्देशित करते हुए इसे फूड चेन में सम्मिलित करने के बारे में निर्देशित किया।
आयुक्त ने पारम्परिक कृषि के साथ सब्जियों एवं फलों की खेती का भी अधिकाधिक प्रचार-प्रसार कर कृषकों की आय बढ़ाने की आवश्यकता जताई।
सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता आईजीएनपी विवेक गोयल ने बताया कि स्टेज-द्वितीय क्षेत्र में खरीफ का बुवाई क्षेत्र 2-2.5 लाख हेक्टेयर तथा रबी का 3-3.50 लाख हेक्टेयर है। आयुक्त ने नहर में पानी की उपलब्धता से अवगत करवाने के निर्देश दिए जिससे क्षेत्र में खरीफ की किन फसलों की बुवाई व कितने क्षेत्र में की जानी है, की कार्य योजना तैयार की जा सके। डॉ. पी.एस. शेखावत ने क्षेत्र के कृषकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सुझाव दिया कि ऐसी फसलों का चयन करें, जिनकी लागत कम हो एवं पानी की आवश्यकता कम हो जिससे कृषको को अधिकाधिक लाभान्वित किया जा सके।
बैठक में निर्णय लिया गया कि आयुक्त की अध्यक्षता में एसकेआरएयू के अनुसंधान निदेशक डॉ. शेखावत,निदेशक सीआईएएच निदेशक डॉ. राने, काजरी निदेशक डॉ एन.डी. यादव, एसकेआरयू के जोनल डायरेक्टर डॉ. एसआर यादव, उपवन संरक्षक स्टेज-द्वितीय आईजीएनपी वीएस जोरा, अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता आईजीएनपी विवेक गोयल, परियोजना निदेशक कृषि एवं भू-सर्वेक्षण तथा कृषि विस्तार सि.क्षे.वि. समेकित रूप से राजकीय कृषि अनुसंधान केन्द्र गोडू की भूमि का विकास किए जाने हेतु कार्य योजना तैयार करें।
उपनिदेशक कीट कविता चौहान ने जीरो बजट प्राकृतिक खेती खेजड़ी पौधरोपण की रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा आईपीएम लेब को शुरू करवाने हेतु प्रस्ताव रखा। कृषि अनुसंधान अधिकारी(शस्य) मीनाक्षी शर्मा ने केंचुआ उत्पादन तथा जैविक खेती की रिपोर्ट प्रस्तुत की। कृषि अनुसंधान अधिकारी(रसायन) सुमन ने मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की। राजकीय कृषि अनुसंधान केन्द्र के उपनिदेशक केदार राम ने कृषि अनुसंधान केन्द्रों एवं कृषक खेतों पर लिए गये प्रयोगों एवं प्रदर्शनों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। सहायक संख्यिकी अधिकारी रमेश कुमार खत्री ने रिपोर्ट तैयार करने में सहयोग किया।
उपनिदेशक कृषि विस्तार डॉ. रामकिशोर मेहरा ने सिचित क्षेत्र विकास स्टेज-द्वितीय में कृषि विस्तार इकाई द्वारा किये जा रहे कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा क्षेत्र में बुवाई की जा रही फसलों का बुआई क्षेत्र से अवगत करवाया।
बैठक में सर्व सम्मिति से निर्णय लिया गया कि कृषि विश्वविद्यालय की पैकेज ऑफ प्रेक्टिस को सि.क्षे.वि. के कृषकों के हित के लिए उपयोग में लिया जाए।