विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। गत वर्ष लम्पी रोग से हुई दुधारू गोवंशीय पशुओं की मृत्यु से पशुपालकों को हुए आर्थिक नुकसान को राज्य सरकार द्वारा संवेदनशीलता से लिया गया, जिसके तहत मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पशुपालकों को आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए लम्पी रोग से हुई दुधारू गोवंशीय पशुओं की मृत्यु पर पशुपालकों को 40000 प्रति पशु आर्थिक सहायता राशि देने की बजट घोषणा की थी। पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बताया कि 16 जून को जेईसीसी (जयपुर एक्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर), सीतापुरा में आयोजित होने वाले राजस्थान किसान महोत्सव के दौरान राज्य स्तरीय ’’लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण’’ कार्यक्रम मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित किया जायेगा। जिसके अंतर्गत लगभग 40 से 50 हजार पात्र पशुपालकों को लगभग 180 करोड़ की राशि उनके खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस आर्थिक सहायता से पशुपालकों को न केवल आर्थिक सम्बल मिलेगा बल्कि वे अपने पशुधन में भी वृद्धि कर सकेंगे।
राजस्थान लम्पी रोग आर्थिक सहायता देने वाला पहला राज्य-
श्री कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों के कल्याण के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में राज्य में नित नयी योजनाओं का संचालन कर पशुओं एवं पशुपालकों के हितों के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लम्पी रोग का प्रकोप लगभग पूरे देश में रहा और गोवंशीय पशुओं की मृत्यु हुई। परंतु राज्य सरकार ने पशुपालकों की समस्यायों को मध्यनजर रखते हुए पशुपालकों को आर्थिक सहायता देने की बजट में घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाला राजस्थान प्रथम राज्य है एवं अन्य राज्यों को भी यहाँ की तर्ज पर पशुपालकों के हितों का ध्यान रखना चाहिए।
मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना से बिना जोखिम के संभव होगा पशुपालन-
श्री कटारिया ने कहा कि अब राज्य में लम्पी जैसी किसी भी बीमारी से पशुपालकों को आर्थिक नुकसान न हो और पशुपालक बिना किसी जोखिम के निश्चिन्त होकर पशुपालन कर सकें, इसके लिए मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत 2 दुधारू गाय या भैंस का 40 हजार रुपए प्रति पशु का निशुल्क बीमा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना राज्य में पशुपालन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने में अहम् भूमिका अदा करेगी।