विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। श्रावण माह के आते ही पूरा देश शिवोमय हो जाता है। शिव भक्त अपनी श्रद्धा एवं भक्ति के द्वारा भगवान महादेव को प्रसन्न एवं मनोवांछित फल प्राप्ति हेतु अनेकों प्रकार से पूजा-अर्चना करते है। इसी क्रम में स्थानीय नत्थुसरगेट के अन्दर स्थित मानेश्वर महादेव मन्दिर में इस सावन माह में सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया जा रहा है। पं. चंदश्षेखर श्रीमाली ‘कालू महाराज’, पं. अमित ओझा तथा पं. प्रदीप श्रीमाली के सान्निध्य में चल रहे इस सवालाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण अनुष्ठान का मूल उद्देष्य जनकल्याण एवं विश्व में शांति रहे।
पं. चंद्रशेखर श्रीमाली ने बताया कि शिवलिंग बनाने के बाद गणेश जी, विष्णु भगवान, नवग्रह और माता पार्वती आदि का आह्वान करना चाहिए। विधिवत तरीके से पार्थिव शिवलिंग एवं सभी देवी-देवताओं की षोडशोपचार पूजन करना चाहिए। इससे व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सपरिवार पार्थिव शिवलिंग बनाकर शास्त्रवत विधि से पूजन करने से परिवार सुखी रहता है।
पं. प्रदीप ने बताया कि पार्थिव शिवलिंग के पूजन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। पार्थिव शिवलिंग का निर्माण एवं पूजन सभी लोग कर सकते हैं, फिर चाहे वह पुरुष हो या फिर महिला।
पं. अमित ओझा ने बताया कि शिवपुराण में लिखा है कि पार्थिव पूजन सभी दुःखों को दूर करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है। यदि प्रति दिन पार्थिव शिवलिंग पूजन किया जाए तो इस लोक तथा परलोक में भी अखण्ड शिव भक्ति मिलती है।
पं. संजय श्रीमाली के अनुसार सावन मास में पार्थिव शिवलिंग बनाने का विशेष महत्त्व है। कोलायत तालाब की पवित्र मिट्टी लाकर उसमें भस्म, गाय का गोबर, गंगाजल एवं घी आदि मिलाकर मिट्टी को तैयार किया जाता है तथा उससे अंगुल मात्र शिवलिंग बनाए जाते है।
पं. हनुमान श्रीमाली ने पूरे सावन एवं अधिकमास कोलायत सरोवर घाट के पास केवल जल ग्रहण करके विष्व कल्याण हेतु शिव का जाप करेगें। उन्होंने बताया कि माह के अंत तक सवालाख शिवलिंग पूर्ण होने पर इनको हरिद्वार में विधिवत विसर्जन किया जाएगा।
इस वर्ष सावन मास दो भागों में विभक्त होने के कारण पार्थिव शिवलिंग का निर्माण सावन एवं अधिकमास दोनो में निरन्तर किया जाएगा।
मानेश्वर महादेव मन्दिर में पं. चंद्रशेखर श्रीमाली ‘कालू महाराज’, पं. अमित ओझा, पं. प्रदीप श्रीमाली, अभिषेक पुरोहित, ऋषभ पुरोहित, श्रीमती सरिता श्रीमाली, राजा पुरोहित, नवरतन श्रीमाली, पूर्णिमा श्रीमाली, राजेश रंगा, गोपाल श्रीमाली, अजय श्रीमाली तथा दीपक श्रीमाली द्वारा पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया जा रहा है।