विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्य के राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में चलाए जा रहे ‘डायल फ्यूचर‘ कॅरियर काउंसलिंग प्रोग्राम की गतिविधियों का स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन सहित अन्य अधिकारियों द्वारा राज्य, मंडल, जिला और ब्लॉक स्तर पर निरीक्षण किया जा रहा है। साथ ही, विद्यार्थियों और शिक्षकों से सतत संवाद किया जा रहा है। शासन सचिव श्री जैन ने बुधवार को जयपुर के मालवीय नगर स्थित राजकीय महात्मा गांधी सीनियर सैकेंडरी स्कूल एवं राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय का निरीक्षण कर कार्यक्रम की गतिविधियों का जायजा लिया।
अभिभावकों की तरह मार्गदर्शन दें शिक्षक
शासन सचिव ने इस अवसर पर कहा कि डायल फ्यूचर कार्यक्रम में विभाग द्वारा प्रदेश के 17 हजार 690 सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में दसवीं पास छात्र-छात्राओं को कॅरियर गाइडेंस देने के लिए एक-एक शिक्षक को ‘पथ प्रदर्शक‘ बनाया गया है, लेकिन स्कूलों में कार्यरत अन्य शिक्षक भी इस महत्वाकांक्षी प्रोग्राम में इन पथ प्रदर्शक शिक्षकों के साथ मिलकर एक टीम की तरह कार्य करें। उन्होंने विशेष रूप से राज्य के समस्त राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रिंसिपलों को लीडरशिप का जज्बा दिखाते हुए प्रभावी भूमिका निभाने के निर्देश दिए। श्री जैन ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के साथ अभिभावक की तरह व्यवहार करते हुए उन्हें संकाय और विषय के चयन में मदद करें।
शिक्षकों के बीच हो स्वस्थ प्रतिस्पर्धा
श्री जैन ने कहा कि विद्यालयों में विभिन्न संकायों के शिक्षकों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी उनकी स्ट्रीम में प्रवेश लें। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में विद्यार्थियों और शिक्षकों की संख्या के अनुपात में सभी शिक्षक अलग-अलग कक्षाओं से बच्चों का ग्रुप बनाकर उनकी स्कूल में नियमित उपस्थिति की मॉनिटरिंग करें। साथ ही, ग्रुप के छात्र-छात्राओं में से किसी के विद्यालय में अनुपस्थित रहने पर उनके माता-पिता से सम्पर्क कर इसकी सूचना दें और कारण जानने का प्रयास करें।
बताए सेल्फ स्टडी के फायदे
शासन सचिव ने विद्यालय के कुमारी मीना सजनानी स्मृति सभागार में बालिकाओं से संवाद करते हुए उनको कॅरियर में अपना अलग मुकाम बनाने के लिए ‘सेल्फ स्टडी‘ के फायदे गिनाए एवं प्रेरणास्पद बातें बताई। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी केवल परीक्षा पास करने के बजाय ज्ञान अर्जित करते हुए कॅरियर में हर मोड़ पर सफलता प्राप्त करने को अपना ध्येय बनाएं। इसके लिए पासबुक से अध्ययन की बजाय पाठ्य पुस्तकों का गहराई से अध्ययन करने की आदत डालें।