ग्राम विकास अधिकारी 4 हजार 200 रूपये एवं 1800 रुपये का जे.सी.बी. का बिल रिश्वत के रूप में लेते रंगे हाथों गिरफ्तार : आवास एवं अन्य ठिकानों पर तलाशी जारी

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर चित्तौडगढ़ इकाई द्वारा आज कार्यवाही करते हुये संदीप सीपाणी ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत नारेला, प.सं. एवं जिला चित्तौड़गढ़ को परिवादी से 4 हजार 200 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक श्री हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि ए.सी.बी. की चित्तौड़गढ़ इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि उसकी फर्म द्वारा करवाये गये निर्माण कार्यो पूर्व में पास किये गये बिलों में कमीशन एवं कार्य पूर्णता पत्र पर हस्ताक्षर करने की एवज में संदीप सीपाणी ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत नारेला, प.सं. एवं जिला चित्तौड़गढ़ द्वारा 6 हजार रूपये रिश्वत राशि की मांग कर परेशान किया जा रहा है।

जिस पर एसीबी के उदयपुर के उपमहानिरीक्षक पुलिस श्री राजेन्द्र प्रसाद गोयल के सुपरवीजन में एसीबी की चित्तौड़गढ़ इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री कैलाश सान्दू के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन किया जाकर आज उनके द्वारा मय टीम के ट्रेप कार्यवाही करते हुये संदीप सीपाणी पुत्र श्री सुरेन्द्र कुमार सीपाणी निवासी मकान न0 36, हर्ष नगर, चामटीखेड़ा रोड, कैलाश नगर पुलिस थाना कोतवाली, जिला चित्तौड़गढ़ हाल ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत नारेला, प.स एवं जिला चित्तौड़गढ़ को परिवादी से 4 हजार 200 रूपये नगद राशि एवं 1800 रुपये का जेसीबी बिल सहित रिश्वत के रूप में लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।

एसीबी के महानिरीक्षक पुलिस श्री सवाई सिंह गोदारा के निर्देशन में आरोपी से पूछताछ जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा।

एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक श्री हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने समस्त प्रदेशवासियों से अपील की है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टोल-फ्री हैल्पलाईन नं. 1064 एवं Whatsapp हैल्पलाईन नं. 94135-02834 पर 24×7 सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। एसीबी आपके वैध कार्य को करवाने में पूरी मदद करेगी। विदित रहे कि एसीबी राजस्थान राज्य में राज्य कर्मियों के साथ-साथ केन्द्र सरकार के कार्मिकों के विरूद्ध भी कार्यवाही करने को अधिकृत है।