विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी के साथ इसके विकल्प तलाशने की दिशा में भी कार्य करना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक के उन्मूलन के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाये जाएं।
श्रीमती शर्मा मंगलवार को शासन सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन से सम्बंधित स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। श्रीमती शर्मा ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे के निपटान तथा दूसरे राज्यों से प्लास्टिक और प्लास्टिक वेस्ट के आवागमन पर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करें।
स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव श्री कैलाश चन्द मीणा ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उन्मूलन की दिशा में उत्पादन यूनिट पर ही कार्यवाही करने की कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन कर रही 55 मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट्स के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। श्री मीणा ने बताया कि बडी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक भी जब्त की गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 16 इंटीग्रेटेड सॉलि़ड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट कार्यरत है तथा 11 प्रोसेसिंग प्लांट और 20 एमआरएफ वर्तमान में निर्माणाधीन हैं।
स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक श्री हृदेश कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में गत तीन माह में 29.86 टन व अब तक कुल 140.43 टन सिंगल यूज प्लास्टिक जब्त किया गया है।
बैठक में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष श्री शिखर अग्रवाल, विशिष्ट शासन सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग श्रीमती नेहा गिरी तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी वी.सी. के माध्यम से जुड़़े।