अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईड़ी ने की शहरी पेयजल की समीक्षा- शहरों में पेयजल व्यवस्था के लिए 2780 करोड़ की 354 जल प्रदाय योजनाएं प्रगतिरत

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विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। प्रदेश में शहरों में पेयजल की सुचारू व्यवस्था के लिए अभी 2780 करोड़ रूपए की 354 शहरी जल प्रदाय योजनाएं प्रगतिरत हैं। इनमें 40 पेयजल योजनाएं पांच करोड़ रूपए से अधिक लागत की, 25 योजनाएं एक करोड़ से अधिक लेकिन पांच करोड़ से कम की तथा 289 शहरी जल प्रदाय योजनाएं एक करोड़ रूपए से कम लागत की प्रगतिरत हैं। पांच करोड़ रूपए से अधिक की 21 योजनाएं जयपुर द्वितीय रीजन में चल रही हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल द्वारा मंगलवार को जल भवन में आयोजित शहरी जल प्रदाय योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने यह जानकारी दी। डॉ. अग्रवाल ने 13 शहरी जल प्रदाय योजनाओं के कार्य देरी से चलने को गंभीरता से लेते हुए तय समय पर कार्य पूरे नहीं करने वाली कॉन्ट्रेक्टर फर्मों को कड़ी चेतावनी देते हुए 30 सितम्बर तक वांछित प्रगति लाने के निर्देश दिए।
डॉ. अग्रवाल ने 280.95 करोड़ रूपए की बीसलपुर-पृथ्वीराज नगर पेयजल परियोजना फेज-प्रथम में पाइप लाइन, उच्च जलाशय एवं स्वच्छ जलाशय के बाकी कार्य जल्द पूरे करने के निर्देश दिए। बीकानेर शहर में पेयजल संग्रहण की क्षमता बढ़ाने एवं बीकानेर के आसपास के 32 गांवों की पेयजल व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण की 233.78 करोड़ रूपए की परियोजना में पाइप लाइन, उच्च जलाशय, सीडब्लूआर एवं पंप हाउस आदि कार्यों में भी उन्होंने गति लाने को कहा। वर्ष 2024 में पूरी होने वाली इस परियोजना का लाभ 11.40 लाख आबादी को मिलेगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जयपुर शहर स्थित बंधा बस्ती में 1500 किलोलीटर के उच्च जलाशय व पाइपलाइन बिछाने के कार्य, भट्टा बस्ती में 2000 किलो लीटर के उच्च जलाशय एवं पाइप लाइन बिछाने के कार्य, 43.59 करोड़ रूपए की बीसलपुर जलापूर्ति परियोजना से खोनागोरियान एवं जयपुर शहर के आसपास के क्षेत्र की वितरण प्रणाली की योजना, 62.16 करोड़ रूपए की बीसलपुर जलापूर्ति परियोजना की सेंट्रल ट्रांसफर मेन के पुनर्गठन कार्य, 173.15 करोड़ रूपए की बीसलपुर जयपुर पेयजल परियोजना स्टेज-द्वितीय, फेज-प्रथम सहित अन्य परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही, अमृत योजना के अंतर्गत संचालित शहरी पुनर्गठित पेयजल योजनाओं आदि की जानकारी ली।
अप्रेल से जून तक 7888 अवैध कनेक्शन हटाए-
डॉ. अग्रवाल ने अवैध कनेक्शन हटाने, बूस्टर्स जब्त करने, टंकियों की सफाई, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में पुरानी एवं क्षतिग्रस्त पाइप लाइन बदलने के संबंध में प्रगति की जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में अप्रेल माह से लेकर जून तक 7888 अवैध जल संबंध हटाए गए। अकेले जून माह में 3360 अवैध जल संबंध चिन्हित किए गए जिनमें से 3092 हटाए गए एवं 268 कनेक्शन नियमित किए गए। अप्रेल से जून तक की अवधि में 445 अवैध बूस्टर्स भी जब्त किए गए। उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर पर अवैध जल संबंधों एवं बूस्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की निरंतर मॉनिटरिंग से इस साल अवैध जल कनेक्शन हटाने एवं बूस्टर्स जब्ती की संख्या बढ़ी है।
बैठक में एमडी जल जीवन मिशन श्री अविचल चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव श्री राम प्रकाश, मुख्य अभियंता (जल जीवन मिशन) श्री आर. के. मीना, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री दलीप गौड, मुख्य अभियंता (प्रशासन) श्री राकेश लुहाड़िया, मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर, मुख्य अभियंता (शहरी) श्री के. डी. गुप्ता सहित प्रदेश भर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं अधिशाषी अभियंता जुड़े रहे।