विनय एक्सप्रेस समाचार, नई दिल्ली।रोवर प्रज्ञान ने चांद पर एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैग्नीशियम और सिलिकॉन का पता लगाया है। प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा पर ऑक्सीजन और सल्फर जैसे तत्वों का पता लगा लिया है। इसरो ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुये कहा कि अब रोवर हाइड्रोजन खोजने की तलाश में है। इसरो ने कहा कि चंद्रयान- 3 को प्रज्ञान रोवर में लगे
लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप ने पहली बार दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह में सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि की है। इसके अलावा, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 5 रोवर प्रज्ञान ने एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैग्नीशियम और सिलिकॉन का पता लगा लिया है।
इसरो ने ट्वीट करते हुए लिखा, “रोवर पर लगा लेजर – प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एल.आई.बी.एस.) उपकरण पहली बार इन-सीटू माप के माध्यम से, दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह में सल्फर (एस.) की उपस्थिति की स्पष्ट रूप से पुष्टि करता है। जैसा कि अपेक्षित था, एल्यूमीनियम, कैल्शियम, आयरन क्रोमियम, टाइटेनियम, मैगनीज सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता
इससे पहले इसरो ने चंद्रमा की सतह पर तापमान भिन्नता का एक ग्राफ रविवार को जारी किया था। अंतरिक्ष एजेंसी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने चंद्रमा पर दर्ज किए गए उच्च तापमान को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया।
तापमान के ग्राफिक चित्रण के बारे में इसरो वैज्ञानिक बी. एच. एम. दारुकेशा ने कहा, “हम सभी मानते थे कि सतह पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो सकता है, लेकिन यह 70 डिग्री हु सेंटीग्रेड है।
हाइड्रोजन (एच.) की खोज जारी है। एल.आई.बी.एस. उपकरण को इलेक्ट्रो- ऑप्टिक्स सिस्टम्स (एल.ई.ओ.एस.) / इसरो, बेंगलुरु की प्रयोगशाला में विकसित किया गया है।”
यह बेहद अहम जानकारी शेयर करने से पहले इसरो ने कहा था कि प्रज्ञान रोवर चंद्रमा के “और अधिक रहस्यों को उजागर करने की राह पर है”। बता दें कि 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की ऐतिहासिक और सफल लैंडिंग के कुछ घंटों बाद रोवर को विक्रम लैडर से बाहर निकाला गया था। उसके बाद से यह कई खुलासे कर चुका है।
इससे पहले इसरो ने चंद्रमा की सतह पर तापमान भिन्नता का एक ग्राफ जै रविवार को जारी किया था। अंतरिक्ष में एजेंसी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने चंद्रमा प पर दर्ज किए गए उच्च तापमान को लेकर ह आश्चर्य व्यक्त किया। राष्ट्रीय अंतरिक्ष म एजेंसी के अनुसार, ‘चंद्र सर्फेस थर्मो अ फिजिकल एक्सपेरिमेंट’ (चेस्ट) ने यू चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को जै समझने के लिए, दक्षिणी ध्रुव के सं आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का ‘तापमान प्रालेख’ मापा ।