विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राजस्थान सरकार द्वारा महिलाओं में बच्चेदानी की ग्रीवा पर होने वाले कैंसर के उपचार एवं निदान को लेकर विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है इसके तहत महिलाओं में होने वाली बच्चेदानी के कैंसर की अर्ली स्टेज में जांच कर उसके उपचार का प्रयास किया जा रहा है। प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार पीबीएम अस्पताल के गायनी विभाग में ओपीडी में आने वाली महिलाओं के सर्वाइकल स्क्रिनिंग द्वारा जांच कर एक नवाचार किया जा रहा है क्योंकि कई बार महिलाओं को इनके लक्षणों का पता नहीं चलता ओर आगे चलकर यह उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। गायनी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. स्वाती फलोदिया ने बताया कि पिछले माह 400 से अधिक महिलाओं की सर्वाइकल स्क्रिनिंग कर अर्ली स्टेज का पता लगाकर कई महिलाओं को राहत प्रदान की गई है जो की पुरे प्रदेश में अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्पद रहा।
नोडल ऑफिसर डॉ. सुषमा ने बताया कि सर्वाइकल स्क्रीनिंग टेस्ट स्मीयर टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय की गर्दन में असामान्य कोशिकाओं का पता लगाने का एक तरीका है। असामान्य कोशिकाओं को कैंसर पूर्व कोशिकाएं भी कहा जाता है। इनका पता न लगने पर ये कोशिकाएँ गर्भाशय कैंसर में विकसित हो सकती हैं इसलिए इन्हें हटाकर कैंसर को रोका जा सकता है।
बच्चेदानी के मुंह का कैंसर / सर्वाइकल कैंसर कैंसर क्या है
यह कैंसर महिला के गर्भाशय ग्रीवा या सर्विक्स में विकसित होता है
सर्विक्स पर कोशिकाएं (cells) असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और कभी-कभी, यदि इलाज नहीं किया जाए, तो वे कैंसर का रूप ले सकती हैं
सर्वाइकल कैंसर एच. पी. वी. (Human Papillomavirus / HPV) संक्रमण के कारण होता है
यह प्रजनन काल (reproductive period) में लगभग 80-90% महिलाओं को संक्रमित करता है
जाँच का महत्व
80% से अधिक महिलाओं में HPV संक्रमण एक वर्ष के
अन्दर अपने आप ठीक हो जाता है
केवल कुछ महिलाओं में संक्रमण बना रहता है और भविष्य में सर्वाइकल कैंसर के रूप में विकसित हो सकता है
सर्वाइकल कैंसर में कैंसर से पहले एक लम्बी अवधि का प्री-कैंसर चरण होता है
प्री-कैंसर का पता VIA स्क्रीनिंग जैसे परीक्षणों से आसानी से लगाया जा सकता है।
प्री-कैंसर का उपचार बहुत ही सरल और प्रभावी होता है