चरितार्थ हुआ महाभारत का युद्ध
मृत्युंजय कर्ण की पीड़ा और शक्ति स्वरूपा नारी को चरितार्थ करता नाटक अभिशप्त
विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर के संयोजन में इकत्तीसवें ओम शिवपुरी नाट्य समारोह का शुभारम्भ द परफोरमर्स कल्चरल सोसायटी उदयपुर के कविराज लईक़ द्वारा निर्देशित नाटक ’अभिशप्त’ से हुआ।
अकादमी सचिव लक्ष्मीनारायण बैरवा ने बताया कि नवीनीकृत टाउन हॉल में आयोजित इस छः दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय नाट्य समारोह के प्रारम्भ में अभिनेता एवं सौ से अधिक फिल्मों में सशक्त भूमिका निभाने वाले स्व. ओम शिवपुरी की तस्वीर पर रंगकर्मियों ने पुष्पांजली अर्पित की।
अभिशप्त नाटक में कही-अनकही कुछ बातों व चरित्रों को अपने मौलिक युग से प्रस्तुत करने की चेष्टा की गई है। कर्ण इसका ध्रुव केन्द्र है। ऐतिहासिक व पौराणिक चरित्रों की उदात्ता एवं भव्यता हमें चमत्कृत एवं उल्लासित करती है किन्तु इनका मानवीय संवेदनशील रूप हमारे अन्तःकरण को झकझोर जाता है। कर्ण की पत्नी वृषाली को इस नाटक में मानवीय संवेदनाओं के साथ उभारा गया है। पुरुष और प्रकृति का शाश्वत सम्बन्ध, शक्ति और शिव के रूप में सृष्टि के सृजन का आधार बना है। कर्म के मार्ग पर नारी, पुरुष की सहचरी के रूप में, शक्ति स्वरूपा है। पार्वती शिव की, सीता राम की, राधा कृष्ण की शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित है।
इस नाटक में शक्ति के रूप में उभरकर सामने आती है वृषाली-कर्ण की पत्नी। कर्ण अपने समय के समस्त अन्तर्विरोधों एवं विसंगतियों को भोगते हुए, अपमान व कटुताओं का विष पीते हुए भी, उसकी जिजीविषा व संघर्ष की अदम्य लालसा अमृत बनकर उसे ज़िऩ्दा रखती है। इस प्रकार अभिशप्त होते हुए भी वह अपनी कर्मठता, त्याग व अद्भुत पराक्रम के कारण ही महत्त्वपूर्ण बन जाता है। वह महाबली दानवीर कर्ण, मृत्यंजय है। महाभारत कालीन परिवेश का यह नाटक आधुनिक युग के लिए भी प्रासंगिक है जिसमें मानवता का संदेश निहित है।
कर्ण का किरदार स्वयं कविराज लईक़ ने निभाया वहीं दुर्याेधन के रूप में भूपेन्द्र सिंह चौहान, अश्वत्थामा के किरदार में प्रबुद्ध पाण्डेय ने तथा कुन्ती के रूप में पायल मेनारिया ने अपनी सशक्त भूमिकाओं से दर्शकों को बांधे रखा वहीं धीरज जीनगर, विशाल चित्तौड़ा, पंकज मलकानी, पायल मेनारिया ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी वहीं अन्य भूमिकाओं में दिव्यांशु नागदा, हुसैन आर.सी., जूज़र नाथद्वारा, विजय जांगिड़, भवदीप जैन, विधी शुक्ला, शिवांगी तिवारी मानद जोशी ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया मंच परे लाइट पर सैयद आरिफ व कुणल मेहता, रूप सज्जा गुल दाधीच, संगीत संचालन प्रखर भट्ट, वेशभूषा अनुकम्पा लईक़, नृत्य संरचना शिप्रा चटर्जी की रहीं वहीं नेपथ्य कलाकारों में गीतिशा पाण्डेय, पूनम देवड़ा, चिन्मय चतुर्वेदी, खुशी परवीन, दिविशा पालीवाल, धैर्या व्यास का सहयोग प्रमुख रहा।
मंगलवार को होगा ’एक प्यार का ड्रामा’ का मंचन
छः दिवसीय नाट्य समारोह में मंगलवार 17 अक्टूबर को शाम 7 बजे जोधपुर की स्वाति व्यास निर्देशित नाटक ’एक प्यार का ड्रामा’ का मंचन किया जाएगा। इस नाटक का निशुल्क पास इस लिंक पर उपलब्ध है – https:// rajasthansangeetnatakakademijo dhpur.com/epass/