सत्याग्रह के रास्ते राष्ट्रहित सर्वोपरि रखने के कारण राष्ट्रपिता बने गांधी : यशपाल गहलोत

शहर देहात जिलाकांग्रेस ने राष्ट्रपिता को गांधी पार्क में दी श्रद्धांजलि

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 76 वी पुण्यतिथि पर बीकानेर शहर देहात जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आज गांधी पार्क स्थित प्रतिमा स्थल पर स्मरण सभा और पुष्पांजलि के साथ मौन कार्यक्रम आयोजित किया गया

जिला कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी के तेल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और कहा की महात्मा गांधी जी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि रहा और सत्याग्रह के रास्ते पर चलकर उन्होंने अमन और शांति के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिये अपने देश के लिए गांधी जी का समर्पण देकखर उन्हें राष्ट्रपिता की उपाधि देश से मिली |

प्रदेश कांग्रेस महासचिव गजेंद्र सिंह सांखला ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का देश प्रेम और अहिंसा का सिदान्त आज सम्पूर्ण विश्व मे मान्य होता जा रहा हैआज हम सबको गांधी के सिदाँतो पर चलकर देश को असामाजिक ताकतों से बचाना है

पूर्व मंत्री मदनगीपाल मेघवाल ने व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तारित प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रपिता की उपाधि प्राप्त करना कोई सामान्य बात नही है
संगठन महासचिव नितिन वत्सस ने कहा की आज राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर हम सबको ये संकल्पलेना होगाकि देश के सर्वांगीण विकास हेतु और अमन भाईचारे को बनाये रखने के लिए कार्य करेंगे

देहात संगठन महासचिव प्रहलाद सिंह मार्शल ने संचालन करते हुए बताया पुण्यतिथि पर आयोजित स्मरण सभा को वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अंबाराम इनखिया,सुषमा बारूपाल, पन्नालाल मेघवाल, ब्लॉकअध्यक्ष सुमित कोचर ब्लॉकअध्यक्ष शहजाद खान भुट्टो, कोषाध्यक्ष रवि पारीक, महासचिव प्रेमजोशी,राहुल जादूसंगत मनोज किराडू, महासचिव ललित तेजस्वी,रविकांत वाल्मिकी, तोलाराम सियाग, रामनाथ आचार्य, धनसुख आचार्य,मनीष डूडी, जयदीप सिंह जावा, प्रवक्ता पूनमचंद भादू ,अनिल सारडा, ऐनुल कादरी, शहर महिलाअध्यक्ष शर्मिला पंचारिया, मुमताज शेख, सफी खां, आरिफ भुट्टो,हरीश गोदारा, जितेंद्र बिस्सा गोवर्धन मीना, पृथ्वी राज कूकना, बृजलाल गोदारा,रामस्वरूप जयपाल याकूब कलर , प्रियांशी साध, सोनू मेघवाल, जुबेद गौरी, ने भी संबोधित करते महात्मा गांधी के आदर्शो को अपनाने की बात कही,
अंत में 11 बजकर दो मिनट का मौन रखा गया उसके बाद बापू के प्रिय भजन गाए गए