ज्ञान और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए जिज्ञासा और पात्रता की जरूरत- बीटीयू कुलपति प्रो अंबरीश शरण विद्यार्थी

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बीकानेर टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अंबरीश शरण विद्यार्थी ने कहा कि ज्ञान और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए जिज्ञासा और पात्रता की आवश्यकता है जो सिर्फ डिग्रियों में नहीं मिलती। इसलिए अपने परिवेशके बारे में और अधिक जानने की निरंतर कोशिश करें। वे आज नाल स्थित मां करणी बीएड कॉलेज में कॉलेज तथा श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय, हनुमानगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विचार व्यक्त कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि ज्ञान वास्तव में आनंद का मूल स्रोत है। शिक्षा और ज्ञान का उद्देश्य ऐसे समावेशी समाज का निर्माण करना है जिसमें अर्थपूर्ण शिक्षा के आलोक में समाज अपना विकास कर सके। श्री शरण ने कहा कि नई शिक्षा नीति के बारे में परिणाम आने अभी बाकी है, लेकिन मैकाले की शिक्षा पद्धति के बाद से निश्चित रूप से बदलाव आया है। उनके अनुसार विकसित राष्ट्र की अवधारणा देश के युवाओं के अपेक्षित योगदान से संभव है। उन्होंने नई चीजों को सीखने की प्रवत्ति को विकसित करने पर बल दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री विमर्शानंद जी महाराज और विशिष्ट अतिथि डॉ. विट्ठल बिस्सा एडिशनल रजिस्ट्रार एमजीएसयू बीकानेर थे। महाविद्यालय प्राचार्य डॉक्टर मुदिता पोपली ने कॉन्फ्रेंस की उपादेयता तथा महाविद्यालय का परिचय दिया साहित्यकार डॉ मनमोहन सिंह यादव ने स्वागत उद्बोधन दिया।
डॉ. शशि मोरोलिया एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रिसर्च एंड डेवलपमेंट एसकेडी यूनिवर्सिटी ने सम्मेलन की थीम पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने सम्मेलन में बहु विषयक शिक्षा को नई शिक्षा नीति से संबंधित करते हुए विचार प्रस्तुत किए गए। उन्होंने बताया कि यह नवाचार का विषय है जिस पर विचार विमर्श होना अति आवश्यक है। बहुविषयक शिक्षा भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित विषयों को समायोजित करने का प्रयास है जो सर्वे भवंतु सुखिनः की तरफ संपूर्ण दुनिया को ले जाने का प्रयास करेगी। बहुविषयक शिक्षा कौशल शिक्षा पर भी बल देती है। विद्यार्थी एक विषय में न बंधकर अनेक विषयों को समायोजित कर जीवन की समस्याओं को हल करना सीखें।
इस उद्घाटन सत्र में 5 एक्सपर्ट टॉक प्रस्तुत की गई जिन में नेपाल से प्रोफेसर श्वेता दीप्ति, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नसरीन, आईएमसी जम्मू के एसोसिएट प्रोफेसर दिलीप कुमार, डॉ. नंदिता सिंघवी, प्रिंसिपल एमएस कॉलेज बीकानेर और डॉ. राजेंद्र पुरोहित प्रिंसिपल गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज बीकानेर ने अपने विचार प्रस्तुत किये। महाविद्यालय परिवार की ओर से सभी महाविद्यालय व्याख्याता डॉ रितु श्रीमाली, सरिता पुरोहित, पंकजाचार्य, राकेश व्यास, राकेश पुरोहित, शिवजी छंगानी डॉक्टर पूनम लता मिड्डा,एसकेडी यूनिवर्सिटी की तरफ से कन्वीनर डॉ. विक्रम औलख, ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ संजय मिश्रा, को-कन्वीनर डॉ. मृदुला शर्मा की ओर से अतिथियों को मोमेंटो प्रदान किए गए। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता डॉ. अभिषेक वशिष्ठ डायरेक्टर रिसर्च एमजीएसयू बीकानेर द्वारा की गई जिसमें गेस्ट ऑफ ऑनर श्री रमेश तांबिया डीडीएम नाबार्ड, एम एस कॉलेज प्रोफेसर डॉ शशि वर्मा सोनी, डॉ कोमल लता नागपाल, डॉ राजपाल वर्मा, डॉ कपिल दुआ, उपस्थित थे। अनेक शोधार्थियों द्वारा पत्र वाचन किया गया। सत्र के अंत में मां करणी बीएड कॉलेज की पूर्व प्राचार्य श्रीमती रेणुका आचार्य द्वारा वोट ऑफ थैंक्स दिया गया। इवनिंग सत्र ऑनलाइन रखा गया था जिसकी अध्यक्षता डॉ. दीपक छंगाणी असिस्टेंट साइंटिस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ़ फ्लोरिडा तथा विख्यात शायर तथा साहित्यकार आमिर अब्दुल्ला द्वारा किया गया इसमें जुड़े सभी प्रतिभागियों ने ऑनलाइन पेपर प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का पूर्ण संचालन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विवेक व्यास तथा रेखा वर्मा ने किया।