विश्व अप्रैल फूल दिवस पर हास्य-व्यंग्य सहित सबरंग कवि सम्मेलन का आयोजन

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। साहित्य, कला और संस्कृति को समर्पित संस्थान नवकिरण सृजन मंच के तत्वावधान में विश्व “अप्रैल फूल डे” के अवसर पर होटल मरुधर हेरिटेज के विनायक सभागार में हास्य-व्यंग्य सहित सबरंग कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार, कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी थें । समारोह के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार रहे ।अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ.उमाकांत गुप्ता ने की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि कविताएं भारतीय जीवन-दर्शन को जहां नवबोध से अनुप्राणित करती हैं, वहीं जन-जीवन के जीवट, प्रकृति एवं पर्यावरण-प्रेम, करुणा एवं मानवीय संवेदनाओं से सराबोर हैं। जोशी ने कहा कि अप्रैल फूल के अवसर पर प्रस्तुत रचनाएँ ओजपूर्ण राजनीतिक दावंपेचों की तरफ इशारा करती है तो समाज की जड़ मानसिकता को तोड़ने के प्रयास भी हैं।


अध्यक्षता करते हुए उमाकांत गुप्ता ने कहा कि आज के दौर में जहां लोगों के चेहरे से हंसी और मुस्कान गायब हो रही है उस समय अप्रैल फूल के बहाने ही सही कुछ चुहलबाज़ी के माध्यम से खुशी मिल जाय इससे बड़ी बात नहीं हो सकती।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि हास्य व्यंग्य से जुड़ी रचनाएं मन को आनंदित और प्रसन्न करती है। उन्होंने अपनी चुनिंदा हास्य रचनाएं भी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में नवकिरण सृजन मंच के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. अजय जोशी ने कहा कि शुरू में अप्रैल फूल डे फ्रांस और अन्य यूरोपीय देशों में मनाया जाता था धीरे धीरे पूरे विश्व में मनाया जाने लगा। इस दिन को मनाने का मूल्य उद्देश्य व्यक्ति को बेवकूफ बनाने के बहाने ही सही जीवन में खुशी और आनंद प्रदान करना है।
कार्यक्रम में सभी का स्वागत कवि गिरिराज पारीक ने किया।इस अवसर पर दो दर्जन कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत करते हुए जीवन में हंसी खुशी का महत्व बताया। हिन्दी- राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ कवि कमल रंगा, श्रीमती प्रमिला गंगल,श्रीमती सरोज भाटी,श्रीमती यामिनी जोशी,बाबूलाल छंगाणी,कैलाश टाक,लीलाधर सोनी,हेमचंद बांठिया,हरिकिशन व्यास, संजय सांखला,मुकेश पोपली,महेंद्र जैन,डॉक्टर जगदीश बारहठ,राजेंद्र स्वर्णकार, परिस्तोष झा, सहित शहर के ख्यातनाम कवियों और कवयित्रियों ने हास्य व्यंग्य और उत्साह उमंग से जुड़ी अपनी काव्य प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का संचालन हास्य व्यंग्य कवि बाबूलाल छंगाणी बमचकारी ने किया और आभार ज्ञापन कमल रंगा ने किया।