फर्जी डिग्री मामले मे एसओजी ने शिक्षा निदेशालय के दो पूर्व एलडीसी सहीत एक अन्य को किया गिरफ्तार

विनय एक्सप्रेस समाचार,  बीकानेर. फ़र्ज़ी डिग्री वाले मामले में शिक्षा निदेशालय में पूर्व में कार्यरत एलडीसी मनदीप सांगवान पुत्र सत्यवीर सिंह उम्र ३६ साल हाल यूडीसी सीबीइओ कार्यालय बीकानेर, पूर्व एलडीसी जगदीश पुत्र मदनगोपाल निवासी छिला ज़िला नागौर हाल यूडीसी करनी उच्च माध्यमिक विद्यालय देशनोक बीकानेर और फ़र्ज़ी डिग्री प्रिंट करने वाले राकेश कुमार s/o काशी राम जाति ब्राह्मण उम्र 40 वार्ड नंबर 27 रामबास राजगढ़ चुरू को बाद अनुसंधान गिरफ़्तार कर लिया गया हैं।

आरोपी मनदीप और जगदीश द्वारा पूर्व में गिरफ़्तार दलाल सुभाष के माध्यम से मंदीप की पत्नी सुमन को जेएस विश्वविद्यालय शिखोहाबाद से फ़र्जी डिग्री दिलवाकर पीटीआई भर्ती में प्रयोग लिया गया। पहले जो फर्जी डिग्री मिली उसने तारीख़ १५ अक्तूबर अंकित कर दी जिस से जॉइनिंग में दिक़्क़त होती इस पर दोनों ने चर्चा कर दूसरी फ़र्जी डिग्री निकालकर २३ सितंबर तारीख़ अंकित कर दी। पीटीआई परीक्षा की विज्ञप्ति अनुसार बीपीएड की डिग्री २५ सितंबर से पूर्व की होनी चाहिए थी। सुमन अभी वर्तमान में शारीरिक शिक्षक के पद पर तैनात हैं।

सुभाष, मनदीप, जगदीश अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में खेल आरक्षण का लाभ लेने के लिए विशेष योग्यता के अंक अर्जित करके देने के लिए अलग षड्यंत्र करते। मनदीप और जगदीश योग्य अभ्यर्थियों को ढूँढकर पहले सौदा तय करते। उसके बाद सुभाष के माध्यम से opjs या अन्य विश्वविद्यालय में फ़र्ज़ एडमिशन करवाते। लाभांश पाने वाले खिलाड़ियों के एडमिशन के साथ साथ जिस भी खेल की प्रतियोगिता हैं उसके प्रोफेशनल खिलाड़ियों का भी एडमिशन करवाते। खेल प्रतियोगिता जैसे रस्साकसी, वुड बॉल, टारगेट बॉल इत्यादि खेलों में प्रोफेशनल खिलाड़ियों को विश्वविद्यालय की ओर से खिलाते और लाभांश पाने वाले अभ्यर्थियों को रिज़र्व में रखते या कई बार लाभांश पाने वाले अभ्यर्थियों के स्थान पर प्रोफेशनल खिलाड़ी को डमी के रूप में भी खेल खिलाकर मेडल दिलवाते। मेडल के अंक लाभांश पाने वाले अभ्यर्थी को मिलते। इस पूरे षड्यंत्र में विश्वविद्यालय भी शामिल होकर एडमिशन और एंट्री भेजने के नाम पर पैसे लेते।

जो डिग्री की व्यवस्था सुभाष विश्वविद्यालय से नहीं कर पाता तो सुभाष राकेश द्वारा उसकी प्रिंटिंग प्रेस में छपवा देता। राकेश द्वारा और भी कई जाली दस्तावेज प्रिंट किए गए हैं।