उपलब्घिपरक सेवाकाल के बाद राजस्व मंडल अध्यक्ष राजेश्वर सिंह सेवानिवृत्त

सफलता अर्जित करने के लिये सजगता, संयम, सहजता एवं निर्मलता के गुणों को आत्मसात करने की जरूरत-राजेश्वर सिंह

विनय एक्सप्रेस समाचार, अजमेर.  राजस्व मंडल अध्यक्ष श्री राजेश्वर सिंह ने कहा कि हर क्षेत्र में सफलता अर्जित करने के लिये सजगता, संयम, सहजता एवं निर्मलता के गुणों को आत्मसात करने की जरूरत है।

वे बुधवार को राजस्व मंडल सभागार में उनकी सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कर्मक्षेत्र में सफलता के लिये सदाशयता एवं सहजता के मानवतावादी गुणों के आधार बनाने की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें बगैर किसी को कष्ट पहुंचाये सर्वकल्याणकारी सोच के साथ कार्य करने का संकल्प लेना चाहिये।

हम परस्पर सांस्कृतिक धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करें। आपसी सौहार्द एवं सहयोग की भावना से आगे बढते हुए स्वस्थ परिवेश की स्थापना करें।

समारोह में अध्यक्ष श्री सिंह, तहसीलदार शंकर लाल बलाई एवं जमादार श्रीमती हेमा का सेवानिवृत्ति के अवसर पर माल्यार्पण, पुष्प गुच्छ, साफा, शाॅल, स्मृति चिह्न एवं गीता भेंट कर अभिनंदन किया गया।

समारोह में मंडल निबंधक महावीर प्रसाद, सदस्य सुरेंद्र माहेश्वरी, अविनाश चैधरी, भंवर सिंह सांदू, भवानी सिंह पालावत, महेंद्र लोढ़ा, कमला अलारिया, आरआरटीआई निदेशक ऋषिबाला श्रीमाली, अति. निबंधक प्रिया भार्गव, उप निबधक सुनीता यादव एवं सलीम खान वित्तीय सलाहकार शैलेंद्र परिहार, सांख्यिकी निदेशक बीना वर्मा, अमित शर्मा,सुधीर शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। स्वागत विभागीय समिति अध्यक्ष अजय गुर्जर ने जबकि आभार सचिव राजकुमार बाघमार ने जताया।

विविध उपलब्धियों भरा रहा सिंह का कार्यकाल

श्री राजेश्वर सिंह के 4 अगस्त 2021 को मंडल अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद निरंतर रूप से मंडल की बेहतरी के लिये प्रभावी कदम उठाकर प्रदेश के राजस्व न्यायालयों के लिये मिसाल कायम की। राजस्व न्यायालयों के निर्णयों की गुणवत्ता को परखने के लिये सर्वश्रेष्ठ निर्णय लेखन प्रतियोगिता, पीठासीन अधिकारियों की निर्णय लेखन कार्यशालाएं, राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली में गुणात्मक सुधार के लिये निबंध लेखन प्रतियोगिताएं व विजेताओं का सम्मान, अन्य राज्यों के राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली का अध्ययन सहित अनेक नवाचारों से राजस्व मंडल को नयी पहचान मिली।

उन्होंने राजस्व न्यायालयों के कामकाज को विधिसम्मत ढंग से सम्पादित कराने को लेकर समय समय पर महत्वपूर्ण परिपत्र एवं दिशा निर्देश भी जारी किये।