पेमासर गांव की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के जरिए किया जाएगा सशक्त – डॉ अरुण कुमार, कुलपति, एसकेआरएयू 

एसकेआरएयू ने गोद लिए गए गांव पेमासर में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) का किया गठन 

स्वयं सहायता समूह के गठन को लेकर पेमासर गांव के ग्राम पंचायत भवन में कार्यक्रम का आयोजन 

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की ओर से हाल ही में गोद लिए गांव पेमासर में नए स्वयं सहायता समूह के गठन और पुराने स्वयं सहायता समूह को और सशक्त बनाने को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ग्राम पंचायत भवन में आयोजित हुए इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ अरुण कुमार, विशिष्ट अतिथि एसीईओ डॉ अवि गर्ग, राजीविका डीपीएम श्री हरिराम, नाबार्ड डीडीएम श्री रमेश तांबिया थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पेमासर गांव के सरपंच श्री तोलाा राम ने की।

 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, जिला प्रशासन के साथ मिलकर गांव के उत्तरोत्तर विकास में पूरा सहयोग करेगा। नए स्वयं सहायता समूहों का गठन कर महिला सशक्तिकरण किया जाएगा। साथ ही बाल विकास, पशु चिकित्सा, खेती किसानी इत्यादि में सहयोग कर गांव के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

 

एसीईओ डॉ अवि गर्ग ने कहा कि गांव के लोगों को मानसिकता परिवर्तित करने और कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। तभी गांव का विकास होगा और जिला प्रशासन भी यहां विभिन्न योजनाएं लागू कर पाएगा। राजीविका डीपीएम श्री हरिराम ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को प्रशासन की ओर से भरपूर सहयोग प्रदान किया जाएगा। जो महिलाएं अब तक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से नहीं जुड़ी हैं वे जल्द से जल्द एसएचजी ग्रुप से जुड़ें और सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी लें। नाबार्ड डीडीएम श्री रमेश तांबिया ने नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं और उनके ऋण अनुदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

 

सरपंच श्री तोलाराम ने कहा कि एसकेआरएयू और जिला प्रशासन के सहयोग से गांव के उत्तरोत्तर विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं अगर मन और लगन से एकजुट होकर कार्य करेंगी तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होगा। आईएबीएम निदेशक डॉ आई.पी.सिंह ने एसएसजी ग्रुप द्वारा बनाई गई चीजों की ब्रांडिंग और पैकेजिंग करने के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम के अंत में सह आचार्य डॉ वाई.के.सिंह ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विभिन्न उदाहरणों के जरिए बताया कि किस तरह शिल्पा बिंदी और लिज्जत पापड़ जैसे ब्रांड छोटे से एसएचजी ग्रुप से शुरू होकर पूरे देश में छा गए। उन्होने बताया कि नई बनाए गए एसएचजी ग्रुप रोस्टेड चना और मूंगफली की पैकिंग कर उन्हें बेचने का कार्य करेगे। इसके अलावा कपड़े के थैले बनाना, फिनाइल बनाना, लड्डू गोपाल की ड्रेस बनाना सिखाया जाएगा. मंच संचालन डॉ केशव मेहरा ने किया।

 

कार्यक्रम के आखिर में नए बनाए गए एसएचजी ग्रुप की महिलाओं श्रीमती जाह्नवी, श्रीमती मुन्नी देवी इत्यादि ने लड्डू गोपाल की ड्रेस तैयार कर अतिथियों को भेंट की। कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ पी के यादव, छात्र कल्याण निदेशक डॉ निर्मल सिंह दहिया, स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ आर.के.वर्मा, आईएबीएम से सहायक आचार्य डॉ अमिता शर्मा, डॉ विवेक व्यास, कृषि महाविद्यालय से डॉ मनमीत कौर, डॉ अरविंद झाझड़िया, डॉ विक्रम योगी, डॉ कुलदीप शिंदे समेत पेमासर गांव के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।