राज्य सरकार द्वारा जिले को मिले 100 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर
विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। कोविड-19 संक्रमण के विरुद्ध संघर्ष के निमित्त मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक प्राधिकरण अध्यक्ष व जिला कलक्टर डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें जिला स्तरीय अधिकारियों व चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ कोरोना के विरुद्ध संघर्ष से संबंधित कार्यों के क्रियान्वयन की प्रगति की जानकारी ली गई तथा अग्रिम निर्देश भी दिए गए।
एसडीएच व सीएचसी पर किए पुख्ता प्रबंध
जिला कलक्टर ने बैठक के दौरान जिले में कोरोना के मौजूदा हालात की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि आॅपरेशन प्राणवायु के अंतर्गत जिले को आॅक्सीजन की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रत्येक एसडीएच, सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करते हुए चिकित्सा व्यवस्थाओं को और मजबूत किया जाएं। जिससे जिला अस्पताल पर अनावश्यक भार ना आए तथा ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सा सेवा स्थानीय स्तर पर ही मिल सके। डाॅ सोनी ने कहा कि जिले में मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा 100 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर प्राप्त हुए है। जिसे उपखण्ड स्तर तक आॅक्सीजन व्यवस्था मजबूत करने के लिए तीन उप जिला अस्पताल को प्रत्येक पर 10-10 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर व 35 सीएचसी पर प्रत्येक को दो-दो आॅक्सीजन कंसंट्रेटर प्रदान करवाने के निर्देश दिए गए है।
जिले में रेपिड एंटीजन टेस्ट किट से कोविड जांच शुरू
राज्य सरकार की ओर से कोविड जांच में बड़ी राहत देते हुए जिले को कोविड रेपिड एंटीजन टेस्ट किट भेजी गई हैं। इनसे अब महज 20-25 मिनट में पता चल सकेगा कि जिसकी जांच हुई वह पॉजिटिव है या नेगेटिव। निश्चित ही इससे कोविड जांच का दायरा बढ़ेगा एवं कोरोना संक्रमण के प्रसार को भी रोका जा सकेगा। सीएमएचओ डॉ. मेहराम महिया के निर्देश पर जिले में इस टेस्ट किट से कोविड जांच की शुरुआत हो चुकी है। इसके लिए प्रत्येक उपखण्ड पर 200 किट भिजवा दी गई है।
सीएमएचओ डॉ. महिया ने बताया कि ऐंटीजन टेस्ट द्वारा गांव-गांव कोरोना जांच की जाएगी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आरबीएसके कार्मिकों को चिकित्सा विभाग द्वारा 500 ऐंटीजन किट दिए जाएंगे, जो गांवो में जाकर कोविड जांच करेंगें। रेपिड एंटीजन टेस्ट किट का समस्त ब्लॉक अधिकारियों व अन्य संबंधित कार्मिकों को कोविड लैब प्रभारी के नेतृत्व में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस संबंध में सभी को निर्देश दिए गए हैं कि अब ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जाएं ताकि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। इसका मुख्य फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में होगा और वहां पूर्व की भांति आरटीपीसीआर जांच भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि इस टेस्ट में पॉजिटिव आने पर मरीज को तत्काल आइसोलेशन में रखा जाएगा और आवश्यक दवाएं एवं उपचार प्रारंभ शुरु होगा। यदि नेगेटिव आता है और लक्षण भी है तो उसका आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया जाएगा। मुख्यतः यह टेस्ट आईएलआई लक्षण वाले मरीजों का किया जाएगा। आगामी दिनों में इस टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि समय रहते कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान कर आइसोलेट किया जा सके। डॉ. महिया ने बताया कि अगर टेस्ट पॉजिटिव है तो इसकी विश्वसनीयता करीब 100 प्रतिशत है। कोविड-19 महामारी के प्रभावी नियंत्रण एवं प्रबंधन के उद्देश्य से रेपिड टेस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
प्रत्येक घर तक पहुंचकर बच्चों के स्वास्थ्य की ले जानकारी
बैठक में वैश्विक महामारी कोविड-19 की लहर से कुपोषित बच्चों व एनीमिया से ग्रस्त किशोरी बालिकाओं के लिए विशेष अभियान लाडेसर संचालित करने के निमित्त कार्य योजना निर्धारित की गई। इसके तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं आशा सहयोगिनी द्वारा 0 से 5 वर्ष आयु वर्ग के शिशु, बालक-बालिकाओं की घर-घर सर्वे के दौरान कुपोषण की जांच एमयूएसी टेप के माध्यम से की जाकर कुपोषित बच्चों की सूची तैयार की जाएगी। जिसकी दैनिक प्रगति सूचना निर्धारित प्रपत्र में देनी होगी।
इसी प्रकार लाडेसर अभियान में शिक्षा विभाग द्वारा ग्राम पंचायत स्तरीय कोरोना कोर कमेटी के अध्यक्ष व पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी की ओर 6 से 15 वर्ष आयु वर्ग के बालक-बालिकाओं का घर-घर सर्वे करवाया जाएगा। इसके लिए शिक्षक, पंचायत सहायक एवं अन्य ग्राम स्तरीय राजकीय कार्मिक व संविदा, मानदेय आधारित कार्मिकों को सर्वे कार्य में नियोजित किया जाकर
कुपोषित बालक-बालिकाओं की सूची तैयार की जाएगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को भी इस अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं आशा सहयोगिनी द्वारा घर-घर सर्वे कर चिह्नित 11 से 14 वर्ष किशोरी बालिकाओं के हीमोग्लोबिन की मात्रा की जांच एएनएम द्वारा की जाएगी। इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग के मानदेय कर्मियों द्वारा चयनित कुपोषित, अति कुपोषित शिशु, बालक-बालिकाओं को मेडिसिन किट भी उपलब्ध करवाई जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत मानदेयकर्मी एवं एएनएम द्वारा संयुक्त रूप से किशोरी बालिकाओं की सूची तैयार करने का भी निर्देश जिला कलक्टर द्वारा दिया गया।
जिला कलक्टर ने चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग को महिला एवं बाल विकास विभाग से संबंधित कार्यकर्ताओं का सहयोग लेकर ग्राम पंचायतवार ऐसी किशोरी बालिकाओं की सूची बनाने के निर्देश दिए गए थे। इस संबंध में मंगलवार को जिले के 962 कुपोषित बच्चों की सूची बनाकर सौंपी गई। इस सूची के अनुसार इन बच्चों तक पहुंचकर उन्हें मेडिसिन किट, आयरन व विटामिन सी की टेबलेट देने के निर्देश दिए गए।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर मनोज कुमार, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चैधरी, उपखण्ड अधिकारी अमित चैधरी, सहायक कलक्टर रामजस बिश्नोई, उप पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ मेहराम महिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डाॅ शंकरलाल, डाॅ शीशराम चैधरी आदि मौजूद रहे।