विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।ईसीबी में माइंडफुलनेस “खुशी का पासवर्ड” विषयक वर्कशॉप का आगाज हुआ । इस वर्कशॉप में एमसीए विभाग के प्रथम वर्ष के छात्रों ने अक्षय पात्र फाउंडेशन से आये मीटर डीवोटी वामसी मोहन दास प्रभु और ऐंद्र दास प्रभु से सीधा संवाद किया और माइंड कंट्रोल के तरीकों को जाना।
वर्कशॉप की शुरुआत मेंटर वामसी मोहन दास प्रभु ने छात्रों को संबोधित किया और उन्हें माइंड कंट्रोल के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। हमें अपने माइंड को कंट्रोल करना सीखना होगा और नकारात्मक विचारों से दूर रहना होगा।”
इसके बाद, मेंटर ऐंद्र दास प्रभु ने छात्रों को सोशल नेटवर्किंग एडिक्शन, ड्रग एडिक्शन आदि से कैसे दूर रहें और अपने मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बनाए रखें, इसके बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने छात्रों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
वर्कशॉप में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और मेंटर्स से अपने सवाल पूछे।
बीकानेर के इंजीनियरिंग कॉलेज में चल रहे तीन दिवसीय वर्कशॉप “खुशी का पासवर्ड” के आयोजक डॉ. अंकुर गोस्वामी ने बताया कि ऐसी वर्कशॉप आज के बढ़ते तनावपूर्ण वातावरण में अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि यह वर्कशॉप छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य और माइंड कंट्रोल के महत्व के बारे में जागरूक करने में मदद करेगी।
अभियांत्रिक महाविद्यालय बीकानेर के प्रिंसिपल डॉ. ओम प्रकाश झाखड़ ने कहा कि अक्षय पात्र फाउंडेशन अपने अद्वितीय कीर्तिमानों के लिए सदैव जाना जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि यह वर्कशॉप छात्रों को अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करेगी।
छात्र समन्वयक अजय शर्मा ने इस मुहिम से जुड़ने के अपने अनुभव साझा किये एवं बताया कि माइंड कंट्रोल करने की कला के प्रयोग बहुत कारगर हैं।
वर्कशॉप में मेंटर वामसी मोहन दास प्रभु और ऐंद्र दास प्रभु ने छात्रों को माइंड कंट्रोल के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने छात्रों को सोशल नेटवर्किंग एडिक्शन, ड्रग एडिक्शन आदि से कैसे दूर रहें और अपने मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बनाए रखें, इसके बारे में भी बताया।
वर्कशॉप के दूसरे दिन मेंटर्स छात्रों को माइंडफुलनेस और मेडिटेशन के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।