विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। करोड़ों लोगों की जन भावना-अस्मिता एवं सांस्कृतिक पहचान मातृभाषा राजस्थानी को शीघ्र संवैधानिक मान्यता मिले एवं संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ने का वाजब हक प्राप्त हो। प्रदेशवासियांे एवं राजस्थानी समर्थकों की लंबे समय से इस बाबत मांग पूरी करने के संदर्भ में आज प्रदेश के माननीय शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जो सकारात्मक-महत्वपूर्ण पहल की है उसके लिए राजस्थानी युवा लेखक संघ के प्रदेशाध्यक्ष एवं राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा ने माननीय मदन दिलावर का आभार व्यक्त करते हुए इस महत्वपूर्ण पहल के लिए खुशी जाहिर की।
रंगा ने आगे बताया कि माननीय शिक्षा मंत्री ने राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने के लिए जो महत्वपूर्ण पहल की है उसके तहत उन्होने राज्य के मुख्य सचिव के माध्यम से इस बाबत एक पत्र केन्द्र सरकार के गृह सचिव को भिजवाया है। ज्ञात रहे कि राजस्थानी भाषा मान्यता बाबत राजस्थान विधान सभा द्वारा सर्वसम्मति से एक संकल्प वर्ष 2003 में ही पारित कर केन्द्र सरकार को भिजवाया जा चुका है, साथ ही राजस्थानी भाषा सभी तरह की वैधानिक औपचारिकताएं पूरी करती है एवं भाषा वैज्ञानिक मानदंडों पर खरी है।
रंगा ने आशा व्यक्त की कि राजस्थान सरकार के माननीय शिक्षा मंत्री द्वारा जो कार्यवाही की गई है उसके अनुसार भाषा को संवैधानिक मान्यता देने बाबत सीताकांत महापात्र की अध्यक्षता में गठित समिति ने जो सिफारिश की थी, उससे केन्द्र सरकार के गृह सचिव द्वारा संवैधानिक मान्यता की मांग पूरी करने में उचित कार्यवाही शीघ्र होगी। इस पहल पर राजस्थानी जगत एवं राजस्थानी के करोड़ो समर्थकों में प्रसन्नता है।
रंगा ने आशा रखी कि राजस्थानी भाषा को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित करने की कार्यवाही के संदर्भ में अब यथोचित आदेश शीघ्र होंगे।