सूर्य का मीन राशि में प्रवेश : आध्यात्मिक चेतना में वृद्धि के योग : डॉ. आलोक व्यास

विनय एक्सप्रेस ज्योतिष आलेख, डॉ. आलोक व्यास. वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है जो कि जीवन ऊर्जा, आत्मा, पिता, सफलता, विजय, नेतृत्व या प्रशानिक क्षमता व यश कारक होता है। यह पूर्व दिशा , सोने व तांबे का स्वामी होता है। जन्मकुंडली में अनुकूल सूर्य जातक के जीवन में सफलता, ऊर्जा, प्रशासनिक पद, विजय, पिता या उच्च अधिकारियों से लाभ, मान सम्मान में वृद्धि करता है। इसके विपरीत प्रतिकूल सूर्य जातक को अहंकारी, क्रोधी, महत्वाकांक्षी, आत्म केंद्रित आदि बनाता है।

14 मार्च 2025 को सूर्य साँय 6:59 पर मीन राशि में प्रवेश किया तथा 14 अप्रैल 2025 तक इसी राशि में रहेंगे। इस समयावधि में सूर्य पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद,रेवती नक्षत्र पर भृमण करेंगे जिसमे पूर्वाभाद्रपद व रेवती पर परिसंचरण अनुकूल रहेगा। चूँकि मीन राशि के अधिपति बृहस्पति है अतः आध्यात्मिक चेतना में वृद्धि एवम सदाचार से ही कार्य व व्यापार में सफलता प्राप्त होगी। सूर्य के मीन राशि में गोचर से विभिन्न राशियों (चंद्र राशि के अनुसार) पर निम्नलिखित उतार चढ़ाव देखने को मिल सकते है।

 

मेष : सुदूर प्रांत की यात्रा, विदेश में लाभ, आमोद प्रमोद में समय, व्यय की अधिकता। गुरुवार को व्रत से लाभ।

वृषभ: संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, बड़े भाई बहन से संबंधित चिंता या उनसे मतभेद, आय में वृद्धि हेतु प्रयास, आर्थिक प्रतिकूलता। शनिवार को व्रत से लाभ।

मिथुन: कार्यक्षेत्र में अधिक ऊर्जा, पिता अथवा उच्च अधिकारियों से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता, रोजगार अथवा नौकरी हेतु प्रयास, सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर सजगता। शनिवार को व्रत से लाभ।

कर्क: धार्मिक क्रियाकलाप अथवा धार्मिक अनुष्ठान, उच्च अध्ययन के अवसर, गुरुजनों का आशीर्वाद, भाग्य का सहयोग, नव संस्कृति से संपर्क। गुरुवार को व्रत से लाभ।

सिंह: मन में भय अथवा आशंका, नकारात्मक मानसिकता में वृद्धि, भूमिगत वस्तुओं से लाभ, तंत्र-मंत्र-यंत्र में रुचि। मंगलवार को व्रत से लाभ।

कन्या: नव साझेदारी की ओर झुकाव, विवाह अथवा सगाई के अवसर, जीवन साथी अथवा मित्रों से सहयोग की अपेक्षा, जल यात्रा के अवसर। शुक्रवार को व्रत से लाभ।

तुला: रोग,ऋण अथवा शत्रु बाधा, दैनिक क्रियाकलाप में अड़चन, तर्क वितर्क में बढ़ोतरी, कानूनी कार्यों में सफलता। बुधवार को व्रत से लाभ।

वृश्चिक: रचनात्मक मनोवृति, संतान संबंधी कार्यों में ऊर्जा, सट्टेबाजी की मनोवृति, शेयर मार्केट में लाभ, प्रेम प्रसंग के अवसर। रविवार को व्रत से लाभ।

धनु: गृहस्थान पर नवाचार के योग, भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, माता संबंधी चिंता, मन में बेचैनी। सोमवार को व्रत से लाभ।

मकर: संप्रेषण कार्य में लाभ, अल्प दूरी के यात्रा योग, छोटे भाई बहन अथवा अधिनस्थ से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता, आत्म बल में कमी। बुधवार को व्रत से लाभ।

कुंभ: पारिवारिक कार्यों की अधिकता अथवा पारिवारिक जिम्मेदारी, नेत्र अथवा वाणी दोष,सुरुचि भोज के अवसर, स्थायी परिसंपत्ति में वृद्धि के लिए प्रयास। शुक्रवार को व्रत के लाभ।

मीन: आत्म चिंतन अथवा आत्म मनन, एकांतवास की मनोवृत्ति, मानसिक पीड़ा, स्वाध्याय के अवसर। मंगलवार को व्रत से लाभ।