45 प्लस टीकाकरण के मामले में नागौर जिला पूरे राज्य में प्रथम : 90 हजार से अधिक बच्चों की स्क्रीनिंग, 1200 से अधिक कुपोषित बच्चें चिह्नित

रेपिड ऐंटीजन टेस्ट की संख्या में की जाएं बढ़ोतरी


जिले में शिशु रोग विशेषज्ञों के खाली पदों को भरने के निर्देश

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। कोरोना संक्रमण के विरुद्ध संघर्ष के निमित्त कलक्ट्रेट सभागार में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक सोमवार को प्राधिकरण अध्यक्ष व जिला कलक्टर डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें जिला स्तरीय अधिकारियों व चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ कोरोना के विरुद्ध संघर्ष से संबंधित कार्यों के क्रियान्वयन की प्रगति की जानकारी ली गई।


इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीकाकरण टीम द्वारा जानकारी दी गई कि 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों के टीकाकरण के मामले में नागौर जिला पूरे राजस्थान राज्य में प्रथम स्थान पर है। इस आयु वर्ग में 63 प्रतिशत नागरिकों का टीकाकरण नागौर में किया गया है। जिला कलक्टर ने नागौर में रेपिड ऐंटीजन टेस्ट की संख्या को और अधिक बढ़ाने का भी निर्देश दिया। इस दृष्टि से बड़े औद्योगिक संस्थानों से बात कर उनके श्रमिकों का टेस्ट अनिवार्य रूप से हो जाए, ऐसा सुनिश्चित प्रयास ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों को द्वारा किया जाना अपेक्षित है।
अभियान लाडेसर सर्वे में एक भी बच्चा नहीं रहे वंचित
बैठक के दौरान अभियान लाडेसर की समीक्षा करते हुए जिला कलक्टर ने शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग व आईसीडीएस तीनों विभागों को संयुक्त रूप से घर-घर किए गए सर्वे का क्राॅस वेरिफिकेशन भी करने का निर्देश दिया। इस संबंध में जानकारी दी गई कि नागौर जिले में घर-घर किए गए सर्वे के अंतर्गत 90 हजार से अधिक बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें 1200 से अधिक कुपोषित बच्चों को चिह्नित किया गया, जबकि 413 कुपोषित बच्चों को सूचीबद्ध किया गया। जिला कलक्टर ने अति कुपोषित बच्चों को प्रॉपर ट्रीटमेंट देने के निमित्त एएनएम व जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ऐसे बच्चों को एमटीसी रेफर करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कुपोषित बेटियों को रिकवर होने में समय अधिक लगता है। इसलिए ऐसी बालिकाओं पर अधिक फोकस करने की आवश्यकता है। अभियान लाडेसर सर्वे में एक भी बच्चा सर्वे से वंचित नहीं रहे, ऐसा सुनिश्चित किया जाना जरूरी है। डाॅ सोनी ने कहा कि एमटीसी सेंटर पर अतिकुपोषित बच्चों को भर्ती करते समय उनकी आयु, वजन, भुजा, हिमोग्लोबिन आदि विभिन्न शारीरिक परिस्थितियों का डेटाबेस तैयार करना चाहिए तथा डिस्चार्ज के समय भी उनमें आए इन सभी परिवर्तनों का भी डाटाबेस संधारित किया जाना आवश्यक है। जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों से मेडिसिन किट, ऑक्सीजन सिलेंडर, निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांट के संबंध में भी व्यापक जानकारी ली। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नागौर जिले में शिशु रोग विशेषज्ञों के खाली पदों को भरने के संबंध में शीघ्र ही विभागीय पत्राचार करने का भी निर्देश दिया, ताकि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के संदर्भ में अग्रिम तैयारियां सुनिश्चित की जा सके।


डोर टू डोर सर्वे में लाएं तेजी
डाॅ सोनी ने कहा कि चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से किशोरी बालिकाओं में रक्त की कमी को दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से ग्राम पंचायतवार मेडिसिन किट वितरित किए जाएं। इसके लिए डोर टू डोर सर्वे में तेजी लाएं तथा मेडिसिन किट और बनाएं जाएं। इस दौरान उन्होंने चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस महामारी की विशेष परिस्थिति में सभी अधीनस्थ कार्मिकों को विशेष रूप से कार्य निर्धारित कर अलग-अलग दायित्व सौंपने का भी निर्देश दिया। बैठक के दौरान जिला कलक्टर ने निर्देश देते हुए कहा कि मानसून से संबंधित तैयारी को लेकर पंचायत स्तर पर विकास अधिकारी व्यापक तैयारी रखें।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर किया भेंट
इस अवसर पर हाउसिंग बोर्ड निवासी शिवराज पारीक ने जिला कलक्टर को अपनी ओर से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रदान किया। जिला कलक्टर ने सेवानिवृत्त पारीक की सराहना करते हुए इस कोविड-19 मरीजों के लिए प्रदान किए गए सहयोग के लिए आभार ज्ञापित किया।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चैधरी, अतिरिक्त जिला कलक्टर मनोज कुमार, सहायक जिला कलक्टर रामजस बिश्नोई, उपखण्ड अधिकारी अमित चैधरी, उप पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ मेहराम महिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डाॅ शंकरलाल, डाॅ शीशराम चैधरी, रीको के क्षेत्रीय महाप्रबंधक विपोन मेहता मौजूद रहे।