विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण नियम 1995 एवं संशोधित नियम 2016 के नियम 4 के तहत बैठक का आयोजन अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहनलाल खटनावलिया की अध्यक्षता में बुधवार, 19 अप्रैल को किया गया। बिन्दुओ पर विचार विमर्श किया गया । अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने बताया कि बैठक में
अनुसुचित जाति / जनजाति अत्याचार निवारण से संबधित प्रकरणो मे एफ. आर. लगाने से पूर्व पत्रावली पुनरावलोकन के लिए जिला कलक्टर को भिजवाई जाने, उक्त अधिनियम से सम्बन्धित प्रकरणो मे राहत राशि के लिए राज्य सरकार को शेष रहे भुगतान के लिए पत्र लिखने तथा प्रकरण सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग को भेजने पर बैंक डायरी की प्रमाणित प्रति व धारा का स्पष्ट उल्लेख करने के संबंध में निर्देश दिये है। उन्होंने बताया कि इस दौरान बैठक में अनुसूचित जाति / जनजाति अत्याचार निवारण प्रकरणों के हत्या के मामलो के प्रथम स्तर पर 8,50,000 रूपये, द्वितीय स्तर पर 4,25,000 रूपये, कुल राशि 12,75,000 रूपये तथा हत्या के मामले मे लाभान्वितो की संख्या 2 रही तथा बलात्कार के मामलो मे प्रथम स्तर 12,75,000 रूपये, द्वितीय स्तर पर 12,75,000 रूपये कुल राशि 25,50,000 रूपये बलात्कार के प्रकरणों मे लाभान्वितों की संख्या 3 रही, तथा धारा 3 अनुसूचित जाति / जनजाति के प्रकरणो मे प्रथम स्तर पर 1,98,04,750 रूपये व द्वितीय स्तर पर 2,96,04,000 रूपये कुल राशि 4.94,08,750 रूपये ऐसे प्रकरणो मे लाभान्वितों की संख्या 452 रही इस प्रकार विभिन्न मामलो मे कुल 2,19,29,750 रूपये प्रथम स्तर पर व 3,13,04,000 रूपये द्वितीय स्तर पर कुल राशि 5,32,33,750 रूपये का भुगतान कुल 457 अनुसूचित जाति / जनजाति के पीड़ित व्यक्तियों को किया गया साथ ही शेष रहे भुगतान के संबंध में बजट हेतु राज्य सरकार को पत्र लिखने के निर्देश दिये गये। साथ ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहन लाल खटनावलिया ने उक्त अधिनियम से संबंधित प्रकरणों में गवाहों को समय पर प्रस्तुत करने व पेंडिंग प्रकरणों पर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस दौरान बैठक में सहायक निदेशक अभियोजन सुशील कुमार चौहान, अभियोजन अधिकारी सुरेश कुमार रोयल, रविन्द्र कुमार बोथरा उप अधीक्षक अनु. जाति / प्रकोष्ठ, उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग किशनाराम लोल उपस्थित रहे।