विनय एक्सप्रेस समाचार, अजमेर। भारत स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में शनिवार को अजमेर के पंचशील नगर में प्रातः कालीन भ्रमण समूह की ओर से झलकारी स्मारक पर कार्यक्रम रखा के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज के साथ प्रभात फेरी का आयोजन भी किया गया।
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के साथ आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में शहर के शिक्षाविद, सेना से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी, समाजसेवी, चिकित्सक एवं वरिष्ठ नागरिक जन ने उत्साह से भागीदारी निभाई।
इस अवसर पर प्रोफेसर धीरज गोस्वामी ने कहा कि 1857 की क्रांति की ठोस शुरुआत झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में हुई उसी दौर में उनके साथ उनकी परम सखी झलकारी बाई ने युद्ध और पराक्रम का परिचय दिया वह इतिहास में अत्यंत गौरवमयी एवं प्रेरणास्पद है ।
उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के दीवानों द्वारा रखे गए आदर्शों एवं मूल्यों को आज नई पीढ़ी तक पहुंचा कर राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा जगाने की महती आवश्यकता है। प्रोफेसर बी एल गुप्ता ने अपने संबोधन में झलकारी बाई के पति और रानी लक्ष्मीबाई के सेना के तोपची पूरण कोली के बलिदान पर प्रकाश डाला । इस अवसर पर सेवानिवृत्त कमांडर जगदीश सिंह राजावत ने कहा कि भारत का स्वाधीनता संग्राम बिना जात पात का भेद किए लड़ा लड़ा गया था, आज हमें राष्ट्र की मजबूती के लिए उन्हीं मूल्यों को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है।
इसके पश्चात सभी ने दुपहिया वाहनों पर राष्ट्रध्वज लिए विभिन्न मार्गों पर प्रभात फेरी निकाली जिसमें देश प्रेम और जिस देश भक्ति से ओतप्रोत नारों और जयकारों के साथ स्वाधीनता पर्व पर जागरूकता संदेश दिया गया।
इस रैली में डॉ नगेंद्र सिंह आरपी पुरोहित, रामानंद टेलर, डीके जैन, डॉ. मदन मीणा, ज्ञान सिंह रावत, सुरेंद्र कुमावत सहित बड़ी संख्या में युवजन की जन भागीदारी रही।