एसिडिटी से राहत दिलाएंगे ये आसान उपाय : जानिए गैस की समस्या का अचूक इलाज – गणेश कुमार हर्ष

विनय एक्सप्रेस स्वास्थ्य-आलेख, बीकानेर। Acidity -गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (GERD) विनय एक्सप्रेस के सुधि पाठकों को विषय विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य से जुड़े आलेख उपलब्ध करवाने के क्रम में इस बार कोच एवं पोषण विशेषज्ञ गणेश कुमार हर्ष गैस की समस्या के समाधान विषय पर आलेख प्रस्तुत कर रहें है।

आज हम बात करते हैं बहुत ही सामान्य समस्या जिसे हम पेट में गैस बनना,एसिडिटी होना, हार्ट बर्न, या एसिड रिफ्लक्स के नाम से जानते हैं और चिकित्सकीय भाषा में इसका नाम है गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (GERD)

अगर आपको हफ्ते के अंदर एक या दो बार खाना खाने के बाद गैस बनती है, चेस्ट के अंदर जलन होती है तो आपको एसिड रिफ्लक्स की समस्या है या एसिडिटी बनती है तो क्या करें

इस सामान्य समस्या में लोग अक्सर भ्रमित होकर एडवर्टाइजमेंट देखकर ईनो Eno या कोल्ड ड्रिंक,सॉफ्ट ड्रिंक को ले लेते हैं पर यह इसका समाधान नहीं है अगर आपको हर बार यह चीजें हो रही है तो किसी चीज के ऊपर आपको डिपेंड नहीं होना चाहिए, आपके घर के अंदर ही कुछ ऐसी चीजें है जिनका इस्तेमाल आप कर सकते हैं जो कि प्राकृतिक रेमेडीज है जिससे आपको एसिडिटी की प्रॉब्लम नहीं होगी ।

एसिडिटी होती क्यों है – सामान्य देखने में आता है कि लोग खाना खाने के बाद सो जाते हैं या लेट जाते हैं खाने को डाइजेस्ट नहीं होने देते वहां पर एसिडिटी बनती है जब आप पेट भर कर खा रहे हो उसके बाद आप लेट जाते हो या सो जाते हो तो या तुरंत खाने के बाद सो जाते हो उस समय में यहां समस्या होती है ।

इलाज – आप यहां पर निम्नलिखित 7 तरीके यूज कर सकते हो जिससे आपकी गैस की प्रॉब्लम दूर हो जाएगी

पहला तरीका – हम सब जानते हैं कि पानी हमारी बॉडी को क्लीन करता है और आपके स्टमक के अंदर जो फ्ल्यूड है उसके लेवल को बैलेंस करता है , जिसके लिए हमें सुबह उठकर खाली पेट तीन से चार गिलास पानी पीना चाहिए कितना पानी रोज पिए यह निर्भर करता है कि आपका वजन कितना है एक 20 किलो के सामान्य बच्चे को डेढ़ लीटर पानी पीना चाहिए इसी हिसाब से आप यह कैलकुलेट कर ले कि आपका वर्तमान में वजन कितना है ।

दूसरा तरीका – तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करना उसे साफ करके धोकर 10-15 पत्तों को सुबह खाली पेट चबाना चाहिए ।

तीसरा तरीका – 100ml ठंडा दूध लंच और डिनर के 1 घंटे बाद लेना ।

चौथा तरीका – 5 ग्राम गुड़ का प्रयोग खाना खाने के बाद

पांचवा तरीका – वाईट विनेगर एक चम्मच खाना खाने के बाद ।

छठ तरीका – पुदीने की पत्तियों का प्रयोग सब्जी और दालों में ।

सातवा तरीका – दोपहर में पाइनएप्पल और संतरे का ज्यूस लेना ।