विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। विनय एक्सप्रेस के सुधी पाठकों हेतु बीकानेर शहर के प्रख्यात ज्योतिषविद एवं पंडित मनोज व्यास बताते है कि धर्मसिंधु, 2, निर्णय सिंधु 3,पीयूष धारा 4, मुहूर्त चिंतामणि 5,तारा प्रसाद दिव्य पंचांग इत्यादि का अध्ययन करने पर इस परिणाम पर पहुंचेंगे कि 11 अगस्त 2022 को ही रक्षाबंधन, पर्व मानाया जाना शास्त्र सम्मत है।
12 अगस्त को रक्षाबंधन मनाना क्यों शास्त्र सम्मत नहीं है?
1. क्योंकि 12 अगस्त को पूर्णिमा प्रातः 7ः06 मिनट पर समाप्त हो जाएगी 12 अगस्त को पूर्णिमा तीन मुहूर्त से कम समय रहने के कारण रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा शास्त्रों के निर्णय के अनुसार
11 अगस्त को पूरे दिन भद्रा व्याप्त है परंतु भद्रा मकर राशि मे होने से इसका वास पाताल लोक में माना गया है और पीयूष धारा में कहा है-
स्वर्गे भद्रा शुभं कुर्यात पाताले च धनागम।
मृत्युलोक स्थिता भद्रा सर्व कार्य विनाशनी ।।
जब भद्रा स्वर्ग या पाताल लोक में होती है तब वह शुभ फल प्रदान करने में समर्थ होती है।
मुहूर्त मार्तण्ड में भी कहा गया है “स्थिताभूर्लोख़्या भद्रा सदात्याज्या स्वर्गपातालगा शुभा”।
अतः यह स्पष्ट है कि मेष, वृष,मिथुन, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु या मकर राशि के चन्द्रमा में भद्रा पड़ रही है तो वह शुभ फल प्रदान करने वाली होती है।
मुहूर्त गणना के अनुसार 11 अगस्त पर सुबह 11 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। शास्त्रों में अभिजीत मुहूर्त को दिन के सभी मुहूर्तों में सबसे अच्छा और शुभ मुहूर्त माना गया है। इस अभिजीत मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य या पूजा की जा सकती है। इसके अलावा 11 अगस्त,गुरुवार को दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट पर विजय मुहूर्त रहेगा। भद्रा रहित सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त
भद्रा रहित सर्वश्रेष्ठ रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त रात्रि 8ः 52 से 9ः58 तक चंचल वेला में श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा.