विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।वैदिक ज्योतिष में मंगल एक महत्वपूर्ण ग्रह है जो कि जातक के साहस, ऊर्जा, निर्णय लेने की क्षमता और आत्मबल का निर्धारण करता है। यह ग्रह भूमि, वाहन, मशीनों और ऊर्जा उपकरणों का द्योतक होता है और साथ ही मनुष्य के शरीर मे खून, हड्डियों, चोट,ऑपरेशन का कारक होता है। मंगल प्रबल होने पर व्यक्ति की ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में और दुर्बल होने पर नकारात्मक कार्यों में परिसंचरण करती है।
मंगल ग्रह निरन्तर 80 दिनों के वक्री रहने के पश्चात दिनांक 25 फरवरी 2025 को प्रातः 7:32 को मिथुन राशि मे पुनः मार्गी होंगे तथा सामान्य गति से संचरण करते हुए 3 अप्रैल 2025 को कर्क राशि मे प्रवेश करेंगे। मंगल ग्रह के मार्गी होने से सकारात्मक कार्य ऊर्जा में वृद्धि, व्यापार वाणिज्य में गतिशीलता व नवनिर्माण में तेज़ी आने की संभावना रहेगी। मंगल ग्रह के मार्गी होने से विभिन्न राशियों पर (चंद्र राशि के अनुसार) निम्नलिखित प्रभाव दृष्टिगोचर हो सकते हैं।
मेष : कार्य हेतु यात्रा, संप्रेषण कार्यों में लाभ, अधीनस्थ अथवा छोटे भाई बहन के साथ संबंधों में अनुकूलता, आत्मबल में वृद्धि के संकेत।
वृषभ: पारिवारिक आयोजन अथवा पारिवारिक कार्यो में ऊर्जा, स्थायी परिसंपत्ति निर्माण में वृद्धि के योग, वॉक कुशलता, सुरुचि भोज के अवसर।
मिथुन: आत्मछवि में सुधार के प्रयास, आत्म चिंतन अथवा आत्मा मनन, स्वाध्याय में ऊर्जा, एकांतवास में समय।
कर्क: शुभ कार्यों में व्यय की अधिकता, सुदूर प्रांत में लाभ, विदेश यात्रा के अवसर, विदेश से लाभ, आमोद प्रमोद में समय।
सिंह: आय में वृद्धि हेतु प्रयास, संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी के अवसर, अग्रज(भाई/बहन) के साथ संबंधों में अनुकूलता, आर्थिक संतुलन।
कन्या: कार्यक्षेत्र में अधिक ऊर्जा, पिता अथवा उच्च अधिकारियों के साथ संबंधों में अनुकूलता, सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि हेतु प्रयास।
तुला: धार्मिक क्रियाकलाप अथवा धार्मिक अनुष्ठान के योग, गुरुजनों का सहयोग, उच्च अध्ययन के अवसर, नव संस्कृति से संपर्क।
वृश्चिक: भूमिगत कार्यों में लाभ, तंत्र-मंत्र-यंत्र में रुचि, मन मे भय अथवा आशंका, दुर्बल मानसिकता, नकारात्मक ऊर्जा संकेन्द्रण।
धनु: जीवनसाथी अथवा मित्रों से संबंधों में अनुकूलता, नवसाझेदारी की और झुकाव, विवाह अथवा सगाई के अवसर।
मकर: दैनिक क्रियाकलाप में ऊर्जा, रोग ऋण अथवा शत्रु बाधा, कानूनी कार्यों में वृद्धि, निर्भीकता, निकट संबंधों में प्रतिकूलता।
कुंभ: रचनात्मक कार्यों में अधिक ऊर्जा, कलात्मक मनोवृति, प्रेम प्रसंग के अवसर, संतान संबंधी कार्यों की अधिकता।
मीन: गृहस्थान में नवाचार के अवसर, भूमि/मकान/ वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, माता सम्बंधी चिंता, मनोनुकूलता में सुधार।