आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति : कोविड-19 महामारी में आयुर्वेद चिकित्सा का महत्वपूर्ण योगदान – जिला कलक्टर

विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। जिला कलक्टर आलोक रंजन की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय आरोग्य मेला के आयोजन के सम्बंध में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेसवार्ता आयोजित हुई।
प्रेस वार्ता के दौरान जिला कलक्टर रंजन ने मीडियाकर्मियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भरतपुर में राज्य स्तरीय आरोग्य मेला दूसरी बार आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से बचाव एवं रोकथाम में आयुर्वेद का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धतियों में से एक है। उन्होंने कहा कि इस चिकित्सा पद्धति में रोगी को दवाओं का कोई दुष्प्रभाव भी नही रहता है। उन्होंने कहा कि आमजन में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन पूर्ण प्रयास कर रहा है इसके साथ ही प्राइवेट कम्पनियां भी आगे आ रहीं हैं। उन्होंने कहा कि आरोग्य मेले के आयोजन का उद्देश्य ‘स्वास्थ्य सबके लिए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सस्ती सरल एवं सुलभ आयुष पद्धति की प्रभावशीलता के बारे में नागरिकों में जागरूकता उत्पन्न करना, आयुष पद्धति से जुड़े हुए लोगों के ज्ञान एवं अनुभव का आदान-प्रदान करने के लिये उचित मंच उपलब्ध करवाना तथा आयुष पद्धतियों की रोगों से बचाव एवं उपचार में विशेषता से जनसामान्य को लाभान्वित कर निरोगी राजस्थान के पुनीत संकल्प में भागीदारी प्रदान करना है।
बैठक में आयुर्वेद विभाग के निदेशक डॉ आनंद शर्मा ने बताया कि राज्य स्तरीय आरोग्य मेला 24 से 27 नवम्बर तक प्रातः 11 बजे से रात्रि 8 बजे तक एमएसजे कॉलेज ग्राउण्ड में आयोजित किया जायेगा, जिसका शुभारम्भ पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के मुख्य आतिथ्य एवं आयुष विभाग राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग की अध्यक्षता में किया जायेगा। मेले में विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर निगम के महापौर अभिजीत कुमार उपस्थित रहेंगे।
राज्य स्तरीय मेले में आयोजित की जाने वाली गतिविधियों
आरोग्य मेला अवधि में आयुर्वेद, होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सा पद्धतियों से विशेषज्ञों द्वारा सामान्य, जटिल एवं जीर्ण रोगों पर निःशुल्क चिकित्सा परामर्श एवं उपचार किया जायेगा। आरोग्य मेला अवधि में प्रतिदिन प्रातः 7 से 8 बजे तक योग विशेषज्ञों द्वारा योग करवाया जायेगा साथ ही मेला अवधि मे विभिन्न रोगों से सम्बन्धित योग क्रियाओं का प्रत्यक्ष प्रदर्शन एवं परामर्श प्रदान किया जावेगा। चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा आयुर्वेद की विशिष्ट चिकित्सा पंचकर्म उपक्रम द्वारा जोड व कमर के दर्द तथा वात व्याधि आदि रोगों के लिए परामर्श एवं उपचार किया जायेगा। आयुर्वेद महाविद्यालय उदयपुर के सौंदर्य विशेषज्ञों की टीम द्वारा सौंदर्य प्रसाधन क्लिनिक के माध्यम से वर्तमान परिपेक्ष्य में होने वाली सौंदर्य समस्याओं का हर्बल चिकित्सा उपचार व प्राकृतिक साधनों द्वारा सौंदर्य बनाये रखने के विषय में बताया जायेगा। मेला स्थल पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार की संस्थाओं की गतिविधियों के प्रदर्शन के लिए अलग से डोम बनाया जाएगा, जिसमें केन्द्र सरकार के आयुष शिक्षा एवं चिकित्सा संस्थान तथा आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा एवं सिद्धा, केन्द्रीय अनुसंधान परिषदों यथा केन्द्रीय आयुर्वेदिय विज्ञान अनुसंधान परिषद, केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद, केन्द्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद, केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद एवं राष्ट्रीय औषध पादप मण्डल द्वारा आयुष क्षेत्र में हो रहे नवीनतम अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों का प्रदर्शन किया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा संचालित राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा आयुष शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों का प्रदर्शन किया जायेगा। आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी के निदेशालयों द्वारा राज्य में औषधालयों एवं चिकित्सालयों द्वारा प्रदत्त सेवाओं की जानकारी प्रस्तुत की जायेगी। आयुर्वेद, होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सा क्षेत्र के निजी औषधि निर्माताओं के द्वारा अपने नवीनतम औषधि उत्पादों के प्रदर्शन एवं विक्रय हेतु 80 स्टॉल्स लगाई जायेंगी। जिसमें प्रसिद्ध औषध निर्माता कम्पनियां जैसे डाबर, बैधनाथ, चरक, हिमालय, मोहता आदि कम्पनियां भाग लेंगी। आयुर्वेद, होम्योपैथी, योग, यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में कौशल विकास एवं शैक्षिक अवसरों की जानकारी दी जायेगी, जिसमें  आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के डिग्री व डिप्लोमा हेतु पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया व पात्रता, फार्मेसी खोलने हेतु आवश्यक प्रक्रिया की जानकारी, जडी-बूटियों की कृषि, हर्बल गार्डन विकसित व उनसे संबंधित सरकारी सुविधाओं, सब्सिडी आदि की जानकारी, राज्य औषध पादप मण्डल द्वारा राजस्थान में उगने वाले औषधीय पादपों (हर्बल प्लांट्स) का प्रदर्शन, उनकी पहचान, औषधीय महत्व की जडी बूटियों द्वारा घरेलू उपचार की जानकारी व इनका विक्रय किया जायेगा। विशेषज्ञों द्वारा आयुर्वेद, होम्यापैथी व यूनानी पद्धतियों के निम्नानुसार महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान आयोजन कर, आयुष चिकित्सकों, विद्यार्थियों एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से जुडे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व आमजन को लाभान्वित किया जायेगा, प्रतिदिन सांयकाल 6 बजे से 8 बजे तक मेला आयोजन स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन भी किया जावेगा। मेले में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा जनोपयोगी व्याख्यान प्रस्तुत किए जाएंगे। मेले में उक्त गतिविधियों के माध्यम से हजारों जनसामान्य को लाभान्वित किया जायेगा।
प्रेस वार्ता के दौरान होम्योपैथी की निदेशक डॉ रेनू बंसल, यूनानी के निदेशक डॉ फैयाज अहमद, उपनिदेशक भरतपुर डॉ महेन्द्र गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक भरतपुर संभाग डॉ सुशील पाराशर, आयुर्वेद महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ रेनू खण्डेलवाल, मेला समन्वयक डॉ अशोक मित्तल, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ शोभा लाल, संभागीय समन्वयक एवं आरोग्य मेला मीडिया प्रभारी डॉ चन्द्रप्रकाश दीक्षित, डॉ राजकुमार शर्मा, डॉ महेश शर्मा सहित समस्त मीडियाकर्मी मौजूद रहे।